मोदी सरकार के फैसले से नाराज स्वामी, कहा- मेरी सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने में लगी

मोदी सरकार के फैसले से नाराज स्वामी, कहा- मेरी सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने में लगी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-25 02:51 GMT
मोदी सरकार के फैसले से नाराज स्वामी, कहा- मेरी सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने में लगी
हाईलाइट
  • मोदी सरकार के फैसले से नाराज बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी
  • स्वामी अपने ट्वीट में लिखा है
  • ''‘सीबीआई नरसंहार के खिलाड़ी (ED) के राजेश्वर को निलंबित करने वाले हैं ताकि वह ‘PC’ (पी.चिदंबरम) के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकें।
  • स्वामी ने दावा करते हुए कहा
  • कि CBI के बाद निश्चित तौर पर अगला नंबर (ED) के अधिकारियों के आने वाला है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। CBI मामले को लेकर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, CBI के बाद अगला नंबर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों का होगा। स्वामी ने अपने ट्वीट में लिखा है, ""‘CBI नरसंहार के खिलाड़ी (ED) के राजेश्वर को निलंबित करने वाले हैं ताकि वह ‘PC’ (पी.चिदंबरम) के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकें। अगर ऐसा हुआ तो मेरे लिए भ्रष्टाचार से लड़ने की कोई वजह नहीं रहेगी क्योंकि मेरी सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने में लगी है। ऐसे में मैंने भ्रष्टाचार के जो मामले दायर किए हैं उन सभी से हट जाऊंगा।’

 

 

स्वामी ने दावा करते हुए कहा, कि CBI के बाद निश्चित तौर पर अगला नंबर (ED) के अधिकारियों के आने वाला है। अगर ऐसा हुआ तो भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। बता दें कि (ED) के अधिकारी राजेश्वर सिंह चिदंबरम से कथित रूप से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर रहे हैं। पूर्व में चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के ठिकानों पर कई बार (ED) की ओर से छापेमारी की जा चुकी है। बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ऐसे समय में अपनी बात ट्वीट करते हुए रखी है। जब CBI में अंतर्कलह चल रही है। CBI के दो शीर्ष अधिकारी, निदेशक और विशेष निदेशक के बीच भ्रष्टाचार को लेकर आरोप-प्रत्यारोप से उत्पन्न संकट से पार पाने के लिए मोदी सरकार ने दोनों को अवकाश पर भेज दिया है। 

सुब्रमण्यम स्वामी ने CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने को लेकर मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि वह आश्चर्यचकित हैं कि वर्मा जैसे एक ईमानदार आदमी को सिफ्ट कर दिया गया है। मुझे नहीं पता कि CBI निदेशक के खिलाफ आरोप क्या हैं, लेकिन वह एक बहुत ही ईमानदार, सीधा व्यक्ति है। उन्होंने दिल्ली में पुलिस आयुक्त के रूप में अच्छा काम किया और उनकी भागीदारी के बिना पी चिदंबरम पर इस तरह से मुकदमा चलाना संभव नहीं था। स्वामी ने कहा कि वह भ्रष्टाचार की जांच के बारे में चिंतित थे क्योंकि चिदंबरम केस के अंतिम चरण में इसका प्रतिकूल असर हो सकता है।

गौरतलब है कि CBI ने राकेश अस्थाना और कई अन्य के खिलाफ कथित रूप से मीट कारोबारी मोइन कुरैशी की जांच से जुड़े सतीश साना नाम के व्यक्ति के मामले को रफा-दफा करने के लिए घूस लेने के आरोप में FIR दर्ज की थी। इसके एक दिन बाद डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया। इस गिरफ्तारी के बाद CBI ने अस्थाना पर उगाही और फर्जीवाड़े का मामला भी दर्ज किया। CBI के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच छिड़ी इस जंग के बीच, केंद्र ने सतर्कता आयोग की सिफारिश पर दोनों अधिकारियों को छु्ट्टी पर भेज दिया और जॉइंट डायरेक्टर नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बना दिया गया। चार्ज लेने के साथ ही नागेश्वर राव ने मामले से जुड़े 13 अन्य अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया।


 

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