चंद्रयान-2: कहां है लैंडर विक्रम ? तीन दिन बाद बताएगा ISRO

चंद्रयान-2: कहां है लैंडर विक्रम ? तीन दिन बाद बताएगा ISRO

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-08 04:15 GMT
चंद्रयान-2: कहां है लैंडर विक्रम ? तीन दिन बाद बताएगा ISRO
हाईलाइट
  • ऑर्बिटर की मदद से इसरो लैंडर की स्थिति का पता लगाएगा
  • तीन दिन बाद पता चलेगा कहां है लैंडर ?
  • लैंडर तक पहुंचने में लगेगा तीन दिन का समय

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। मिशन चंद्रयान-2 के 95 फीसदी सफल होने के बाद इसरो के वैज्ञानिक अब लैंडर की स्थिति का पता लगाने में जुट गए। लैंडर विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी धुव्र पर पर लैंडिग के दौरान 2.1 किलोमीटर की दूरी पर इसरो के संपर्क से बाहर हो गया था। तब लैंडर का पता नहीं चल पाया है। हालांकि इसरो के वैज्ञानिक ने साफ कर दिया है कि तीन दिन के भीतर लैंडर की स्थिति का पता लगा लिया जाएगा। इसरो के वैज्ञानिक लगातार लैंडर से संपर्क बनाने की कोशिश कर रहे हैं। 

इसरो के चीफ के.सिवन ने कहा, लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी धुव्र के आस-पास हो सकता है। सभी के मन में सवाल बना हुआ है कि लैंडर कहां है ? लैंडर क्रैश तो नहीं हो गया है ? हमारे वैज्ञानिक जल्द पूरी स्थिति बता देंगे। सिवन ने कहा, ऑर्बिटर अभी चंद्रमा के चक्कर लगा रहा है। जिस जगह पर लैंडर की लैंडिग कराना था वहां तक ऑर्बिटर को पहुंचने में करीब तीन दिन का समय लगेगा। जिस है ऑर्बिटर दक्षिणी धुव्र पर पहुंचेगा वहां लैंडर की तस्वीर इसरो को भेज देगा। जिससे लैंडर की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। दरअसल ऑर्बिटर पर लगे अत्याधुनिक उपकरणों के सहारे जल्द ही इन सभी सवालों के जवाब ढूंढे जा सकते हैं। बता दें कि आर्बिटर में SAR (सिंथेटिक अपर्चर रेडार), IR स्पेक्ट्रोमीटर और कैमरे की मदद से 10 x 10 किलोमीटर के इलाके को छाना जा सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक लैंडर विक्रम का पता लगाने के लिए उन्हें उस इलाके की हाई रेजॉलूशन तस्वीरें लेनी होंगी। 

बता दें कि चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के ठीक पहले संपर्क टूट गया। तब से इसका कुछ पता नहीं चल पाया है, हालांकि इसे लेकर वैज्ञानिकों की उम्मीद अभी खत्म नहीं है। शुक्रवार देर रात चांद (Moon) पर उतरने से पहले विक्रम का धरती (Earth) पर स्थित स्टेशन से संपर्क टूट गया था, उस वक्त लैंडर विक्रम चांद की सतह से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर था। लैंडर विक्रम के साथ क्या हुआ और वो अब कहां और किस हालत में है, अभी तक इसकी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। हालांकि वैज्ञानिकों को पूरी उम्मीद है कि तीन दिन के अंदर इस रहस्य से पर्दा उठ जाएगा। 

 

 

Tags:    

Similar News