INX मीडिया: चिदंबरम की बढ़ी ज्यूडिशियल कस्टडी, 17 अक्टूबर तक रहना होगा तिहाड़ जेल में

INX मीडिया: चिदंबरम की बढ़ी ज्यूडिशियल कस्टडी, 17 अक्टूबर तक रहना होगा तिहाड़ जेल में

Bhaskar Hindi
Update: 2019-10-03 11:07 GMT
INX मीडिया: चिदंबरम की बढ़ी ज्यूडिशियल कस्टडी, 17 अक्टूबर तक रहना होगा तिहाड़ जेल में

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। INX मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की न्यायिक हिरासत दिल्ली की रोज एवेन्यू कोर्ट ने बढ़ा दी है। अब उन्हें 17 अक्टूबर तक तिहाड़ जेल में ही रहना होगा। न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद गुरुवार को उन्हें स्पेशल जज अजय कुमार कोर्ट में पेश किया गया था।

अदालत में सुनवाई के दौरान, CBI ने बेंच को सूचित किया कि चिदंबरम के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में एक जमानत याचिका लगाई है। दूसरी ओर, चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने एक अलग आवेदन दिया जिसमें उन्होंने चिदंबरम की स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें घर का खाना दिया जाए। घर का खाने देने की अनुमति लेने के लिए तिहाड़ के चिकित्सा अधिकारी की एक रिपोर्ट भी अदालत में दाखिल की गई। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।

इससे पहले, चिदंबरम ने INX मीडिया भ्रष्टाचार मामले में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन बेंच ने कहा कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई उनकी जमानत याचिका की सुनवाई पर फैसला करेंगे। चिदंबरम का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जस्टिस एनवी रमाना की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मामले को तत्काल लिस्ट करने के लिए कहा था।

बता दें कि 73 साल के चिदंबरम को सीबीआई ने 21 अगस्त को उनके जोर बाग स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। उन्हें 22 अगस्त को कोर्ट में पेश किया गया और चार दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया । बाद में उन्हें 5 सितंबर को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया। 14 दिनों की न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद उन्हें एक बार फिर कोर्ट में पेश किया गया था जिसके बाद उनकी न्यायिक हिरासत को 3 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया था।

पी चिदंबरम के वकीलों ने इस दौरान अदालत में एक अन्य आवेदन भी दिया था जिसमें कहा गया था कि चिदंबरम प्रवर्तन निदेशालय (ED) मामले में आत्मसमर्पण करना चाहते हैं। चिदंबरम के इस आवेदन पर 12 सितंबर को सुनवाई हुई थी। हालांकि अदालत ने चिंदबरम के इस आवेदन को खारिज कर दिया।

इस दौरान ED की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चिदंबरम के आवेदन का विरोध किया। उन्होंने स्पेशल जज अजय कुमार कुहर से कहा था, "हमने इस मामले के छह लोगों को तलब किया है। उनमें से तीन से पूछताछ की गई। हमें सभी छह व्यक्तियों से पूछताछ करना है ताकि हम आरोपी (चिदंबरम) का उनसे सामना करा सकें। वह (चिदंबरम) सबूतों से छेड़छाड़ करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि वह पहले से ही न्यायिक हिरासत में है।" उन्होंने कहा "उचित समय पर चिदंबरम को गिरफ्तार किया जाएगा।"

बता दें कि 2007 में जब UPA-1 में चिदंबरम वित्त मंत्री थे उस वक्त उन्होंने मुंबई की INX मीडिया कंपनी को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी दिलाने में मदद की थी। उन्होंने अनियमितता बरतते हुए मीडिया समूह को FIPB क्लीयरेंस दे दिया। इसके बाद INX को 305 करोड़ रुपए मिले। इस मामले में CBI ने 15 मई, 2017 को एक एफआईआर दर्ज की थी। पिछले साल ED ने भी इस मामले में मनी-लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम भी मामले में आरोपी हैं।

INX मीडिया कंपनी के मालिक पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी हैं, जो अपनी बेटी शीना बोरा के मर्डर के आरोप में जेल में बंद हैं। 

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