पूर्वोत्तर के चुनावी नतीजे देख कांग्रेस और लेफ्ट पर बिफरीं ममता, कहा- अहंकार की हार हुई
पूर्वोत्तर के चुनावी नतीजे देख कांग्रेस और लेफ्ट पर बिफरीं ममता, कहा- अहंकार की हार हुई
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने पूर्वोत्तर राज्यों के चुनावी परिणामों को देखते हुए लेफ्ट और कांग्रेस पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने कांग्रेस पर चुनावों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए एक नया खुलासा किया है। ममता ने कहा है कि उन्होंने त्रिपुरा चुनाव के लिए राहुल गांधी के सामने गठबंधन का प्रस्ताव भी रखा था जिसे राहुल ने अस्वीकार कर दिया था। ममता ने BJP को हाल के चुनावों में मिली दमदार जीत पर उत्साहित न होने की भी सलाह दी है। ममता ने चुनावी नतीजों को माकपा का आत्मसमर्पण और अहंकार की हार करार दिया है। उन्होंने कहा कि चुनावों की स्थिति को देखते हुए BJP को मात्र 10 सीटों पर सिमट जाना चाहिए था।
ममता ने फिर उठाया EVM का मुद्दा
ममता ने कहा है कि त्रिपुरा चुनाव परिणामों की जिम्मेदारी कांग्रेस को लेनी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, "कांग्रेस उन पार्टियों में से एक है, जिसने त्रिपुरा में BJP को पैर जमाने में मदद की। मैंने BJP से निपटने के लिए एक आम मंच बनाने की पेशकश की थी, जिसे कांग्रेस ने नहीं स्वीकारा था।" उन्होंने आगे कहा कि BJP ने त्रिपुरा चुनावों में भारी मात्रा में पैसा लगाया था और बाहरी लोगों को भी राज्य में बुलाया, जिसके आगे CPM ने प्रदर्शन ना करते हुए आत्मसमर्पण करना स्वीकार किया। ममता ने कहा कि BJP ने चुनावों के दौरान केन्द्रीय बल का इस्तेमाल किया, इसके साथ ही साथ EVM मशीन में भी कुछ खामियां थीं, जिन्हें नजरअंदाज किया गया।
कांग्रेस ने किया ममता पर पलटवार
दूसरी तरफ ममता पर पलटवार करते हुए बंगाल के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा है कि त्रिपुरा में कांग्रेस को कमजोर करने के पीछे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भूमिका किसी से छिपी नहीं है। वहां कांग्रेस से छह विधायकों को तोड़कर उन्हें BJP में शामिल करा दिया गया और यह काम ममता ने ही किया। कांग्रेस को BJP से जितना नुकसान नहीं हुआ है , उससे कहीं अधिक ममता बनर्जी के कारण नुकसान हुआ है। त्रिपुरा में कांग्रेस को कमजोर करने में और उसे हराने के लिए सिर्फ और सिर्फ ममता बनर्जी ही जिम्मेदार हैं।