शहीद की पत्नी बनी सेना में अफसर, पति के सपने को करेंगी पूरा

शहीद की पत्नी बनी सेना में अफसर, पति के सपने को करेंगी पूरा

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-09 10:05 GMT
शहीद की पत्नी बनी सेना में अफसर, पति के सपने को करेंगी पूरा

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। 2015 के नवंबर में कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए कर्नल संतोष महादिक की पत्नी स्वाति महादिक भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गईं हैं। उन्हें आर्मी आर्डिनेंस कॉप्स (AOC) में नियुक्त किया गया है।

स्वाति ने कहा कि "आर्मी यूनिफॉर्म और यूनिट कर्नल महादिक का पहला प्यार और सपना था। इसीलिए मैंने भी इसे पहनने का फैसला किया।" दरअसल, कर्नल संतोष की मौत के बाद स्वाति टूटी नहीं, बल्कि उन्होंने अपने पति के प्यार को अपना जनून बना लिया और आर्मी में आने का फैसला किया। स्वाति केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाती थी और पुणे यूनिवर्सिटी से उन्होंने एम.ए किया है। लेकिन पति के प्यार और सपने को पूरा करने के लिए नौकरी छोड़कर आर्मी ज्वॉइन करने का फैसला किया।

लेकिन उनके इस हौसले को उनकी उम्र तोड़ने की कोशिश कर रही थी। दरअसल सेना के नियमों के मुताबिक, 32 साल की उम्र में ज्वॉइनिंग नहीं हो सकती है। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी, उस वक्त के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से बात की और फिर रक्षा मंत्रालय ने उन्हें मंजूरी दे दी। स्वाति ने एसएसबी का एग्जाम पास किया और पिछले साल सर्विस सिलेक्शन कमीशन की फाइनल लिस्ट में जगह बना ली। इसके बाद ट्रेनिंग के लिए चेन्नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी चली गई। स्वाति और शहीद कर्नल संतोष के दो बच्चे हैं। एक 12 साल की बेटी और एक 6 साल का बेटा। खुद आर्मी में आने के लिए स्वाति ने अपने दोनों बच्चों को खुद से दूर बोर्डिंग स्कूल भेज दिया था।

बता दें कि 39 साल के कर्नल महादिक महाराष्ट्र के रहने वाले थे। कर्नल महादिक को साल 2003 में पूर्वोत्तर में ऑपरेशन राइनो के दौरान बहादुरी के लिए सेना मेडल से सम्मानित किया गया था।

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