कांग्रेस का आरोप- DRI ने खोजा 29000 करोड़ का स्कैम, मोदी सरकार ने बंद करा दी जांच
कांग्रेस का आरोप- DRI ने खोजा 29000 करोड़ का स्कैम, मोदी सरकार ने बंद करा दी जांच
- कांग्रेस नेता ने कहा- सरकार की नीतियों से अगले 30 सालों में तीन कंपनियों को होगा 1
- 30
- 000 करोड़ का फायदा
- जयराम रमेश बोले- जब भी अडानी कंपनी के खिलाफ जांच शुरू होती है
- सरकार तुरंत उसे बंद करा देती है
- मोदी सरकार पर कोयला आयात में 29000 करोड़ और पावर इक्विपमेंट आयात में 6600 करोड़ के घोटाले का आरोप
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार में हुए व अडानी कंपनी से जुड़े दो बड़े घोटालों का खुलासा किया है। इकांग्रेस का कहना है कि डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने कोयला आयात में 29000 करोड़ और पावर इक्विपमेंट के आयात में 6600 करोड़ के घोटाले का पता लगाया है, लेकिन मोदी सरकार इस पर कोई जांच नहीं करा रही है। इसके साथ ही कांग्रेस ने मोदी सरकार पर अडानी के साथ कई एग्रीमेंट में सांठगांठ करने का भी आरोप लगाया है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इन मामलों का खुलासा किया। उन्होंने कहा, "पिछले 2-3 सालों में जब कहीं अडानी कंपनी के बारे में कुछ न कुछ जांच शुरू होती है तो सरकार जल्द से जल्द उस जांच को बंद करा देती है।" उन्होंने कहा, "DRI ने कोयले के आयात के मामले में 29000 करोड़ रुपए का घोटाला ढूंढ निकाला है, लेकिन सरकार इस मामले में कोई एक्शन नहीं ले रही है, क्योंकि यह मामला अडानी से जुड़ा हुआ है।" उन्होंने बताया, "DRI ने 2014 में अडानी से जुड़े एक मामले में शिकायत की थी। DRI ने कहा था कि अडानी कंपनी से पावर इक्विपमेंट का जिस मुल्य पर आयात होना चाहिए था उससे 6600 करोड़ अधिक दिये गए। DRI ने इस पर अडानी कंपनी को एक नोटिस भी दिया था। लेकिन सरकार ने इस मामले को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया।"
जयराम रमेश ने इसके साथ ही मोदी सरकार पर अडानी के हित में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की अवहेलना करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने बताया, "अडानी कंपनी ने गुजरात सरकार के साथ 2007 में बिजली खरीद करार पर हस्ताक्षर किया था। इसके अनुसार अडानी से 2.40 रुपए में बिजली खरीदने का करार था लेकिन बाद में अडानी कंपनी ने कहा कि हम 2.40 रुपए में बिजली नहीं दे सकते। बिजली का मूल्य हमें बढ़ाना है और गुजरात सरकार ने हामी भर दी।"
कांग्रेस नेता ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि जिस मूल्य पर अडानी ने करार किया था, उसी मूल्य पर बिजली खरीद होनी चाहिए, इसमें अडानी कंपनी को कोई राहत नहीं दी जा सकती लेकिन कुछ ही दिन पहले गुजरात सरकार ने यह तय किया है कि जो राहत अडानी कंपनी मांग रही है, वह उसे दी जाएगी और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को नजरअंदाज किया जाए।"
जयराम रमेश ने यह भी बताया कि मोदी सरकार की भ्रष्टाचारी नीतियों के चलते अगले 30 सालों में तीन कंपनियों SR, TATA और अडानी को 1,30,000 करोड़ का फायदा मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार मुनाफे का निजीकरण और घाटे का राष्ट्रीयकरण कर रही है।