कांग्रेस सांसद ने दिया राष्ट्रगान में संशोधन का प्रस्ताव, 'सिंध' की जगह 'उत्तर पूर्व' किया जाए शामिल

कांग्रेस सांसद ने दिया राष्ट्रगान में संशोधन का प्रस्ताव, 'सिंध' की जगह 'उत्तर पूर्व' किया जाए शामिल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-16 13:03 GMT
कांग्रेस सांसद ने दिया राष्ट्रगान में संशोधन का प्रस्ताव, 'सिंध' की जगह 'उत्तर पूर्व' किया जाए शामिल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रिपुन बोरा ने शुक्रवार को राज्यसभा में प्राइवेट मेंबर रिजोलूशन पेश किया है। इस बिल में उन्होंने राष्ट्रगान से "सिंध" शब्द हटाकर "उत्तर पूर्व" शब्द जोड़ने का प्रस्ताव दिया है। बोरा ने कहा है कि सिंध आज हमारे राष्ट्र का हिस्सा नहीं है, लेकिन फिर भी उसे राष्ट्रगान में रखा गया है। उन्होंने कहा है कि सिंध क्षेत्र पकिस्तान का हिस्सा है इसलिए अब इस शब्द को हटाकर "उत्तर-पूर्व" शब्द को लगाना चाहिए। इस बिल पर बोलते हुए कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट भारत का अभिन्न भाग है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नॉर्थ ईस्ट राष्ट्रगान का हिस्सा नहीं है वही दूसरी तरफ सिंध इसमें शामिल है। 

संसद सदस्यों से मांगा समर्थन 
पत्रकारों से बातचीत के दौरान बोरा ने बताया कि, "राष्ट्रगान हिन्दुस्तान के सारे क्षेत्रों को एक साथ सामान देता है, जब संविधान सभा में राष्ट्रगान पारित हुआ था तब उसी वक्त भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ.राजेन्द्र प्रसाद ने इसमें वक्त की साथ बदलाव करने की बात कही थी।" बता दें कि इसी बात का हवाला देते हुए कांग्रेस सांसद ने राष्ट्रगान में बदलाव करने की इस मांग को राज्यसभा में उठाया है। इस प्राइवेट मेंबर बिल में कहा गया है कि भारत के खिलाफ हमेशा जहर उगलने वाले पकिस्तान के भूभाग "सिंध" के नाम को राष्ट्रगान से हटाया जाए। इसके लिए बोरा ने अन्य सांसद सदस्यों से बात कर के उनसे समर्थन की मांग की है।

शुक्रवार को पेश किया जाएगा बिल
बोरा ने उम्मीद जताई है जब अगले शुक्रवार को जब यह बिल सदन में पेश किया जाएगा तो इस पर चर्चा के जरिए कोई समाधान निकाला जा सकेगा। गौरतलब है कि भारत के प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता रबिन्द्र नाथ टैगोर ने 1911 में देश का राष्ट्रगान "जन गण मन" लिखा था। उस वक्त भारत देश की क्षेत्र सीमा पश्चिम में बलूचिस्तान से लेकर पूर्व में सिलहट तक फैली हुई थी, लेकिन बंटवारे के बाद से सिंध क्षेत्र का हिस्सा पकिस्तान में चला गया था। 

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