दो 'अध्यक्षों' के बीच इस कड़वाहट की क्या है वजह?

दो 'अध्यक्षों' के बीच इस कड़वाहट की क्या है वजह?

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-12 07:00 GMT
दो 'अध्यक्षों' के बीच इस कड़वाहट की क्या है वजह?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सियासत में ना दोस्ती पक्की होती है, ना ही रंजिश। यही वजह है कि धुर विरोधी भी एक दूसरे से मिलते हैं तो सलाम-दुआ तो करते ही हैं। हमने अक्सर देखा है चुनावी समर में तीखे हमले करने वाले राजनेता जब आपस में मिलते रहे हैं तो सामान्य शिष्टाचार का ख्याल रखा जाता रहा है, लेकिन सियासत का मौजूदा दौर कुछ और ही दास्तां कहता है। सोमवार को जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पास से गुजरे तो दोनों ने एक-दूसरे को नजरअंदाज करने में ही भलाई समझी। जाहिर है चुनावी राजनीति में दोनों ही नेताओं की तरफ से इतनी कड़वाहट घुल चुकी है कि एक-दूसरे को देखने पर ना तो चेहरे पर मुस्कान आई और ना ही अभिवादन।

 

संसद के बाहर क्या हुआ? 

दरअसल, संसद के बजट सेशन के 6वें दिन हंगामे के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। जिसके बाद सांसद संसद से बाहर निकलने लगे। इस बीच सदन के गेट नंबर-4 पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का आमना-सामना हो गया। उस वक्त राहुल जहां गेट नंबर-4 से बाहर आ रहे थे, वहीं अमित शाह सदन के अंदर उसी गेट से जा रहे थे। दोनों नेता एक-दूसरे के सामने आ गए और बगल से निकल गए लेकिन एक-दूसरे से नजर तक नहीं मिलाई। अमित शाह और राहुल गांधी की ये नजरअंदाजी कैमरे में कैद हो गई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। राहुल गांधी और अमित शाह की इस नजरअंदाजी से जाहिर हो गया कि दोनों के दिलों में एक-दूसरे को लेकर कितनी कड़वाहट है।

 

 



अमित शाह और राहुल गांधी के बीच क्यों है इतनी कड़वाहट?

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच इतनी कड़वाहट क्यों है? इस बात का जवाब तो ये नेता ही दे सकते हैं। मगर देश की दो बड़ी पार्टियों के अध्यक्षों के बीच इस तरह की नाराजगी या कड़वाहट पहली बार देखने को मिली है। राजनीति में अक्सर देखने को मिलता है कि दो नेता जो एक-दूसरे का जमकर विरोध करते हैं, वो आमने-सामने आते ही एक-दूसरे के गले लग जाते हैं। लेकिन अमित शाह और राहुल गांधी के बीच ऐसी तल्खी देखने को मिली है, जिसने दोनों के दिलों में भरी कड़वाहट को सामने ला दिया।

 



राहुल गांधी ने हाल ही में संभाली है कांग्रेस की कमान

राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बने अभी 3 महीने भी नहीं हुए हैं। राहुल गांधी ने पिछले साल 16 दिसंबर को पार्टी की कमान सौंपी गई थी। राहुल, नेहरू-गांधी परिवार के 6वें शख्स हैं, जो इस जिम्मेदारी को संभाल रहे हैं। । उनसे पहले इस परिवार से मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी इस पद को संभाल चुकी हैं। बता दें कि राहुल से पहले उनकी मां सोनिया गांधी 19 साल से इस पद को संभाल रहीं हैं। अपने पति और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मौत के 7 साल बाद यानी 1998 में कांग्रेस अध्यक्ष बनीं थीं।

 



लोकसभा में जीत के बाद से ही अमित शाह सर्वेसर्वा

2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी और इसके लिए अमित शाह ने बहुत मेहनत की थी। अमित शाह और नरेंद्र मोदी की दोस्ती बहुत पुरानी है और गुजरात में भी कमल खिलाने में इन दोनों की जोड़ी ने बहुत मेहनत की थी। मई 2014 में मोदी सरकार आने के बाद 10 जुलाई 2014 को अमित शाह को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था। उनकी मौजूदगी में बीजेपी ने एक के बाद एक कई राज्यों में सरकार बनाई। 2015 में बिहार विधानसभा चुनावों में हार के बाद अमित शाह की रणनीति पर सवाल उठे, लेकिन एक बार फिर से पीएम मोदी ने उनपर भरोसा जताते हुए 24 जनवरी 2016 को फिर से पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया। ये अमित शाह की रणनीति का ही कमाल की है जो बीजेपी लोकसभा चुनावों के वक्त सिर्फ 5 राज्यों में थी, अब वो 21 राज्यों तक पहुंच गई है। बता दें कि अमित शाह को राजनाथ सिंह की जगह पार्टी अध्यक्ष बनाया गया था।

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