सामान्य वर्ग आरक्षण: संविधान संशोधन बिल लोकसभा से पास, अब राज्यसभा में परीक्षा

सामान्य वर्ग आरक्षण: संविधान संशोधन बिल लोकसभा से पास, अब राज्यसभा में परीक्षा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-08 13:04 GMT
सामान्य वर्ग आरक्षण: संविधान संशोधन बिल लोकसभा से पास, अब राज्यसभा में परीक्षा
हाईलाइट
  • 124वां संविधान संशोधन बिल लोकसभा से पास
  • आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को दिया जाना है यह आरक्षण
  • सामान्य वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए मोदी सरकार ने पेश किया था बिल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने सम्बंधी संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा से पास कर दिया गया है। संशोधित विधेयक के पक्ष में 323 मत पड़े, जबकि विपक्ष में महज 3 मत गिरे। सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलोत ने इस 124वें संविधान संशोधन विधेयक को शाम 5 बजे सदन के सामने रखा। जिस पर करीब पांच घंटे तक निचले सदन में चर्चा हुई। इस दौरान सत्तापक्ष समेत लगभग सभी विपक्षी दलों ने इस विधेयक का समर्थन किया। हालांकि विपक्षी दलों ने विधेयक को मोदी सरकार की चुनावी रणनीति करार दिया। विपक्षी दलों ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले और शीत सत्र के एकदम अंतिम दिन इस विधेयक को पेश करने पर सवाल उठाए। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने बिल का समर्थन तो किया, साथ ही इसे JPC को भेजने की भी मांग की। वहीं AIMIM और RJD ने विधेयक का विरोध किया।

लम्बी बहस के बाद बिल को निचले सदन से पास कर दिया गया। अब बिल को राज्यसभा में पेश किए जाने की तैयारी है। मंगलवार को इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। बता दें कि मोदी सरकार इस अहम बिल को लोकसभा चुनाव से पहले संसद के दोनों सदनों से पास कराना चाहती है, इसीलिए राज्यसभा का शीतकालीन सत्र एक दिन बढ़ा दिया गया है।

इससे पहले सोमवार को मोदी कैबिनेट ने सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए सरकारी नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इस आरक्षण बिल के अनुसार, 8 लाख से कम सालाना आय वाले, 5 हेक्टेयर से कम कृषि भूमि वाले,1000 स्क्वायर फीट से कम के घर वाले, निगम में आवासीय प्लॉट 109 यार्ड से कम वाले और निगम से बाहर के प्लॉट के 209 यार्ड से कम वाले सामान्य वर्ग के लोगों को आरक्षण दिया जाएगा।

5 घंटे चली संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा :

10.00 PM : आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने सम्बंधी संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा से पास। पक्ष में पड़े 323 मत।

09.55 PM : 124वें संविधान संशोधन विधेयक के लिए चर्चा खत्म। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने विधेयक पर वोटिंग शुरू कराई।

09.40 PM : सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलोत ने 124वें संविधान संशोधन बिल पर हुई चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण रद्द होने के सवालों पर कहा कि संविधान में अब तक 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण का प्रावधान नहीं था। इसलिए कोर्ट 50 फीसदी से ज्यादा के आरक्षण के फैसलों को रद्द कर देता था लेकिन 124वें संविधान संशोधन बिल के संसद से पास होने के बाद आरक्षण का दायरा बढ़ जाएगा। ऐसे में सामान्य वर्ग के गरीब तबके को आरक्षण मिलने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

09.24 PM : कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पूछा- क्या सरकार जब चाहे, तब कोई भी बिल कभी भी सदन में पेश कर सकती है? क्या सरकार को पहले नोटिस नहीं देना चाहिए था। स्पीकर ने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।

09.08 PM : AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी इस बिल का विरोध करती है। उन्होंने बिल को संविधान के साथ धोखा बताया।

09.04 PM : केंद्रीय मंत्री और RPI(A) सांसद रामदास अठावले ने इस मौके पर तुकबंदी पेश की। उन्होंने कहा, आज मुझे बहुत अच्छा हो रहा है फील, क्योंकि लोकसभा में पास हो रहा है ये बिल, नरेन्द्र मोदी जी की मजबूत हो रही है हील, क्योंकि राफेल में नहीं है कोई गलत डील, नरेन्द्र मोदी जी का था अच्छा लक्षण, इसलिए मिल रहा है गरीबों को आरक्षण।

08.55 PM : केंद्रीय मंत्री और अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल ने कहा कि उनकी पार्टी बिल का समर्थन करती है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि क्या आर्थिक आरक्षण पाने वालों की स्थिति बदलने के बाद इसे वापस ले लिया जाएगा?

08.25 PM : कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने बिल का समर्थन किया। साथ ही कहा कि इस सरकार में किसी को भी इस बिल का फायदा मिलने वाला नहीं है।

08. 20 PM : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के सांसद और हाल ही में NDA से अलग हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आरक्षण आर्थिक समृद्धि का उपाय नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए।

08.00 PM : बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि सभी सवर्णों के लिए आज खुशी का दिन है। मेरे जैसे लोगों के लिए आज होली और दिवाली है।

07.53 PM : आरजेडी सांसद जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा- हमारी पार्टी संशोधन बिल का विरोध करती है। उन्होंने कहा, "दलितों-अतिपिछड़ों को 85 फीसदी आरक्षण दीजिए, बाकी आप ले जाइए।"

07.50PM : बीजेपी सांसद महेंद्रनाथ पांडे ने कहा- मोदी सरकार सबका साथ-सबका विकास के अपने नारे पर कदम आगे बढ़ा रही है। सरकार के इस कदम से समाज में आपसी द्वेष दूर होगा।

07.57 PM : सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा- हमारी पार्टी आरक्षण बिल का समर्थन करती है। लेकिन सत्र के आखिरी दिन इस बिल को लाया गया। इससे सरकार की मंशा जाहिर होती है। जिस तरीके से बिल लाया गया है वो गलत है।

7.31 PM :  एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा- हमें उम्मीद है कि यह बिल जुमला साबित नहीं होगा और इसमें किए गए वादों को पूरा किया जाएगा।

07.05 PM : बीजेडी सांसद भर्तृहरि महताब ने कहा- ग्रामीण इलाकों में अनुसूचित जाति/जनजाति और ओबीसी वर्ग के अलावा सामान्य वर्ग के भी लोग गरीब है। इन लोगों को आरक्षण की दरकार है।  

06.55 PM : लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने कहा- सामान्य वर्ग के गरीबों को अगर दलित और ओबीसी के आरक्षण में छेड़छाड़ किए बिना आरक्षण दिया जाता है तो किसी को कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि निजी क्षेत्रों में भी लोगों को आरक्षण दिया जाना चाहिए।

06.35 PM : टीआरएस सांसद एपी जीतेंद्र रेड्डी ने संविधान संशोधन बिल का समर्थन किया। उन्होंने कहा- आरक्षण तय करने का अधिकार राज्य सरकारों को दे देना चाहिए।

06.30 PM : शिवसेना सांसद आनंद राव अडसुल ने कहा- हमारी पार्टी आरक्षण के इस प्रस्ताव का समर्थन करते हैं।

06.15 PM : तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने भी इस बिल पर मोदी सरकार का समर्थन किया।

06.10 PM : AIADMK सांसद थंबी दुरई ने पूछा कि क्या गरीबों के लिए सरकार की योजनाएं फेल हो गई हैं, जो सरकार को आर्थिक आधार पर पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था करनी पड़ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण के लिए 50 फीसदी की सीमा निर्धारित की है। इसे बढ़ाया नहीं जा सकता। सरकार का यह आरक्षण बिल को सुप्रीम कोर्ट अनुमति नहीं देगा।

05.55 PM : वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि यह आरक्षण बिल सबके साथ-सबका विकास सुनिश्चित करेगा। यह आर्थिक  रूप से पिछड़ों को बराबरी पर लाने का कदम है। जेटली ने कहा, "संविधान में 50 फीसदी आरक्षण का दायरा सामजिक तौर पर पिछड़े वर्गों के लिए लागू है, आर्थिक तौर पर पिछड़ों के लिए यह लागू नहीं है। आर्थिक आधार पर आरक्षण 50 फीसदी से भी ज्यादा हो सकता है क्योंकि वह जातिगत आरक्षण से अलग है।

05.30 PM : कांग्रेस सांसद के के वी थॉमस ने कहा कि हमारी पार्टी बिल के खिलाफ नहीं है, लेकिन हमारी मांग है कि बिल को पहले जेपीसी में भेजा जाए।

05.10 PM : सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलोत ने आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों को आरक्षण देने के से जुड़े 124वें संविधान संशोधन बिल को लोकसभा में पेश किया। उन्होंने कहा, "आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों के लिए सरकार यह संशोधन विधेयक लाई है। सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को मुख्यधारा में लाना जरूरी है। लंबे समय से इस बिल की दरकार थी।"
 

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