Coronavirus: मई महीने में 20 करोड़ से ज्यादा भारतीय हो सकते हैं कोरोना पॉजिटिव, ये है बड़ी वजह

Coronavirus: मई महीने में 20 करोड़ से ज्यादा भारतीय हो सकते हैं कोरोना पॉजिटिव, ये है बड़ी वजह

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-28 05:06 GMT
Coronavirus: मई महीने में 20 करोड़ से ज्यादा भारतीय हो सकते हैं कोरोना पॉजिटिव, ये है बड़ी वजह
हाईलाइट
  • Centre for Disease Dynamics
  • Economics and Policy की रिपोर्ट
  • संक्रमित मरीजों की संख्या मई महीने में 20 करोड़ के आंकड़े को पार कर सकती है
  • सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या मई महीने में 20 करोड़ के आंकड़े को पार कर सकती है। Johns Hopkins University Centre for Disease Dynamics, Economics and Policy (CDDEP) की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर सोशल डिस्टेंसिंग और आइसोलेशन का सही तरह से पालन नहीं किया गया तो मई महीने में भारत में 20 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं।  

इस रिपोर्ट को जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय और सेंटर फॉर डिजीज डायनेमिक्स, इकोनॉमिक्स और पॉलिसी की एक टीम ने तैयार किया है। कोरोनावायरस को रोकने के लिए उठाए गए क़दमों के आधार पर यह संख्या 10 करोड़ से 20 करोड़ के बीच भी रह सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि लॉकडाउन में लोग सोशल डिस्टेंसिंग और आइसोलेशन को नहीं मानते हैं तो यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, इस वायरस का सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को है इसलिए सबसे पहले उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाए। इसमें कहा गया है कि अगर आइसोलेशन की अवधि को बढ़ाया जाता है तो संक्रमण से ज्यादा ज्यादा राहत मिल सकती है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अगले कुछ महीनों में इसके मामलों की बढ़ती संख्या को संभालने के लिए अस्थायी अस्पतालों की जरूरत है। इसके अलावा दस लाख वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है। मौजूदा समय में भारत में 30,000 और 50,000 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अब तक कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 873 पहुंच गई है जबकि, इससे 19 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन से लोगों को घरों में रहना पड़ रहा है और हो सकता है कि कुछ समय बाद लोग लॉकडाउन का पालन सही से न करें। जिससे कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत इस स्थिति में अन्य देशों की तुलना में बेहतर कर सकता है क्योंकि यहां युवा आबादी की संख्या ज्यादा है। 

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