Coronavirus in India: देश में 12000 के करीब पहुंची संक्रमितों की संख्या, 377 लोगों की मौत, 170 जिले हॉटस्पॉट घोषित

Coronavirus in India: देश में 12000 के करीब पहुंची संक्रमितों की संख्या, 377 लोगों की मौत, 170 जिले हॉटस्पॉट घोषित

Bhaskar Hindi
Update: 2020-04-15 12:56 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोविड​​-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए भारत में किए गए लॉकडाउन का आज 22वां दिन है। लॉकडाउन के बीच बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देशभर में जिलों को हॉटस्पॉट, नॉन-हॉटस्पॉट और ग्रीन जोन में विभाजित किया गया है। 170 जिलों को हॉटस्पॉट और 207 जिलों को नॉन-हॉटस्पॉट और बाकी जिलों को ग्रीन जोन घोषित किया गया है। वहीं पिछले 24 घंटों में कोरोनावायरस के 1173 नए मामले सामने आए है। इन मामलों के सामने आने के बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 11,439 पर पहुंच गई है। इनमें से 377 लोगों की मौत हुई है जबकि 1306 लोग इस बीमारी से ठीक हो गए है। अग्रवाल ने कहा कि लगभग 11.41% मरीज ठीक हो रहे हैं। 

किसे माना जाता है हॉटस्पॉट?
हॉटस्पॉट वो जिले हैं जहां पर कोविड-19 के मामलो की संख्या ज्यादा है या जहां पर पॉजिटव मामलों की ग्रोथ हाई है। जबकि नॉन हॉटस्पॉट ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर कोविड-19 के मामले तो सामने आए हैं, लेकिन इनकी संख्या सीमित है। ग्रीन ज़ोन जिले ऐसे हैं जहां नोवल कोरोनावायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है। स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि कैबिनेट सचिव ने बुधवार को सभी मुख्य सचिवों, डीजीपी, स्वास्थ्य सचिवों, कलेक्टरों, एसपी, नगर आयुक्तों और सीएमओ के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें हॉटस्पॉट्स क्षेत्रों पर चर्चा की गई। अग्रवाल ने कहा कि जिन जिलों को हॉटस्पॉट घोषित नहीं किया गया है, लेकिन वहां मामले सामने आ रहे हैं, उन्हें लगातार काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसे जिलों को रोकथाम रणनीति शुरू करनी चाहिए। 

भारत में अब तक कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं
लव अग्रवाल ने देश में कोरोना वायरस के ट्रांसमिशन को लेकर कहा कि भारत में अब तक कोई कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार कोरोना वायरस फैलने के चार चरण हैं। पहले चरण का मतलब है कि वे लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए जो दूसरे देश से संक्रमित होकर भारत में आए।
दूसरे चरण में स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैलता है, लेकिन ये वे लोग होते हैं जो किसी ना किसी ऐसे संक्रमित शख़्स के संपर्क में आए जो विदेश यात्रा करके लौटे थे। तीसरा और थोड़ा ख़तरनाक स्तर है "कम्युनिटी ट्रांसमिशन"। कम्युनिटी ट्रांसमिशन तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी ज्ञात संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना या वायरस से संक्रमित देश की यात्रा किए बिना ही इसका शिकार हो जाता है।

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