दिल्ली : जामिया में सीएए विरोधी प्रदर्शन को वकीलों का समर्थन

दिल्ली : जामिया में सीएए विरोधी प्रदर्शन को वकीलों का समर्थन

IANS News
Update: 2019-12-21 12:30 GMT
दिल्ली : जामिया में सीएए विरोधी प्रदर्शन को वकीलों का समर्थन

नई दिल्ली, 21 दिसम्बर (आईएएनएस)। दिल्ली की विभिन्न अदालतों के करीब 300 वकील शनिवार शाम जामिया विश्वविद्यालय कैंपस पहुंचे। अलग-अलग अदालतों से आए ये वकील नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे जामिया मिलिया विश्वविद्यालय के छात्रों के समर्थन में यहां आए थे।

वकीलों का कहना है कि वे नागरिकता संशोधन कानून और जामिया में हुई पुलिस कार्रवाई दोनों का विरोध करते हैं।

जामिया छात्रों को अपना समर्थन देने वाले वकीलों में साकेत कोर्ट, तीस हजारी, कड़कड़डूमा और रोहिणी कोर्ट के वकील शामिल थे। इन वकीलों ने कहा कि वे कोर्ट का काम समाप्त करने के बाद व्यक्तिगत क्षमता में एक साथ यहां आए हैं।

रोहिणी कोर्ट के वकील अमन ने कहा कि जामिया विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में छात्रों के साथ हुए दुर्व्यवहार से वह असहमत हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों समेत किसी भी व्यक्ति को अपना विरोध या विचार शांतिपूर्ण तरीके से रखने की पूरी आजादी है।

साकेत कोर्ट के सलीम ने कहा कि अगर आज नागरिकता संशोधन कानून की मुखालफत नहीं की गई तो कल पूरे देश में इसके बाद एनआरसी लागू होगा।

जामिया के गेट नंबर 7 के बाहर इन वकीलों ने अन्य प्रदर्शनकारियों के साथ धरना दिया। इस दौरान ये वकील अपने साथ सीएए व एनआरसी के विरोध का पोस्टर भी लेकर आए थे।

जामिया में शनिवार को दिन भर नारे गूंजते रहे। बुर्के में आई सैकड़ों महिलाओं ने तानाशाही नहीं चलेगी नहीं चलेगी, एनआरसी वापस लो, सीएए वापस लो, हमें चाहिए आजादी के नारे लगाए। ये महिलाएं अपने साथ अपना खुद का माइक और लाउडस्पीकर भी लेकर आई थीं। माइक पर किसी को भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बोलने की आजादी थी, बशर्ते वह इनमें से ही कोई महिला हो।

-- आईएएनएस

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