यमुना को कर दिया था प्रदूषित, कोर्ट से 2 साल की जेल, 3.5 लाख रुपए जुर्माना

यमुना को कर दिया था प्रदूषित, कोर्ट से 2 साल की जेल, 3.5 लाख रुपए जुर्माना

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-24 16:45 GMT
यमुना को कर दिया था प्रदूषित, कोर्ट से 2 साल की जेल, 3.5 लाख रुपए जुर्माना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की एक कोर्ट ने यमुना को प्रदूषित करने पर एक शख्स को 2 साल जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उस शख्स को 3.5 लाख जुर्माना भी जमा करने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने कहा है कि लोगों के असंवेदनशील रवैए के चलते नदी में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। इसे रोकने के लिए ऐसे कठोर फैसले लिए जाने की जरूरत है।

‘हरियाणा पनीर भंडार’ की दिल्ली स्थित बेकरी यूनिट के मालिक विकास बंसल को यह सजा सुनाई गई है। विकास बंसल पर आरोप था कि उसने अपनी बैकरी के अशोधित अपशिष्ट पदार्थ यमुना में डाल कर उसे प्रदूषित किया है। स्पेशल जज संजय कुमार अग्रवाल ने इस मामले की सुनवाई करते हुए विकास बंसल को 2 साल जेल की सजा सुनाई और उस पर 2.5 लाख रुपए का पर्यावरण क्षतिपूर्ति जुर्माना लगाया। यह राशि प्रधानमंत्री के राहत कोष को अदा की जाएगी। इसके साथ ही कोर्ट ने बंसल को जल (प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराते हुए उस पर एक लाख रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी ठोका।

जज संजय कुमार अग्रवाल ने कहा, "ऐसे लोगों की असंवेदनशीलता के कारण ही वर्तमान पीढ़ी को साफ पानी नसीब नहीं हो रहा है। अपशिष्ट पदार्थों को यमुना में बहाते वक्त आरोपी ने अगली पीढ़ी का ध्यान नहीं रखा।" जज ने यह भी कहा कि देश के हर नागरिक का कर्तव्य है कि प्राकृतिक संसाधनों स्त्रोतों का दुर्पयोग न करें और न ही उन्हें प्रदूषित करे। उन्होंने कहा, "हमें अगली पीढ़ियों को साफ और स्वच्छ प्राकृतिक संसाधन सौंपने की जरूरत समझनी होगी।"

जज ने यह भी कहा, "भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां नदियों को जीवन स्रोत समझा जाता है। हमारे देश में नदियों का सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व है। इसका हर नागरिक को ध्यान रखना होगा। बता दें कि इस मामले में पहले एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने विकास बंसल को तीन साल कैद की सजा सुनाई थी।

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