थरूर की पिटिशन खारिज, HC ने कहा- 'खबरें दिखाने पर रोक नहीं'

थरूर की पिटिशन खारिज, HC ने कहा- 'खबरें दिखाने पर रोक नहीं'

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-02 04:48 GMT
थरूर की पिटिशन खारिज, HC ने कहा- 'खबरें दिखाने पर रोक नहीं'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस लीडर शशि थरूर की उस पिटीशन को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अर्णब गोस्वामी और उनके चैनल पर सुनंदा पुष्कर मर्डर केस से जुड़ी खबरें दिखाने पर रोक लगाने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने कहा कि "खबरें दिखाने पर रोक नहीं लगा सकते, लेकिन कांग्रेस सांसद के चुप रहने के अधिकार का भी सम्मान होना चाहिए।" बता दें कि शशि थरूर ने हाईकोर्ट में तीन पिटीशंस फाइल कर सुनंदा पुष्कर मर्डर केस की खबरें दिखाने और उसपर डिबेट कराने पर रोक लगाने की मांग की थी।


और क्या कहा हाईकोर्ट ने? 

शुक्रवार को शशि थरूर की पिटीशंस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मनमोहन ने अपने फैसले में कहा कि "कॉन्स्टीट्यूशन के तहत शशि थरूर को "चुप रहने का अधिकार" है और किसी भी व्यक्ति को किसी सवाल पर बोलने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।" हाईकोर्ट ने अर्णब गोस्वामी के चैनल को फटकार लगाते हुए ये भी कहा कि "अभी इस मामले की जांच चल रही है और चैनल इससे जुड़ी खबरों में किसी को भी आरोपी करार नहीं दे सकता।



थरूर को बताकर खबर होगी टेलीकास्ट

अपने 61 पेज के फैसले में जस्टिस मनमोहन ने कहा कि "सुनंदा पुष्कर मर्डर केस में किसी भी तरह की खबर टेलीकास्ट करने से पहले चैनल को इलेक्ट्रॉनिक मोड में थरूर की राय जानने के लिए लिखित में नोटिस देना होगा।" कोर्ट ने कहा कि "अगर थरूर नियत समय के अंदर जवाब देने से इनकार कर देते हैं, या नहीं देते हैं। तो उन्हें जवाब देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही इस खबर का टेलीकास्ट करते समय ये बताना जरूरी रहेगा, कि थरूर ने चैनल को इस बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया है।"

थरूर ने फाइल की थी 3 पिटीशंस

इसके पहले कांग्रेस के सीनियर लीडर और सांसद शशि थरूर ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्णब गोस्वामी और उनके चैनल रिपब्लिक टीवी के खिलाफ 3 पिटीशंस फाइल की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ये फैसला सुनाया है। थरूर ने अपनी एक पिटीशन में सुनंदा पुष्कर मर्डर केस से जुड़ी खबरें दिखाने और डिबेट कराने पर रोक लगाने की मांग की थी। इसके अलावा थरूर ने चैनल के खिलाफ मानहानी का केस भी दायर किया था और 2 करोड़ रुपए हर्जाना देने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। बता दें कि कुछ दिनों पहले रिपब्लिक टीवी ने सुनंदा मर्डर केस से जुड़ी खबर दिखाई थी, जिसके बाद थरूर ने ये पिटीशंस फाइल की थी।



कब हुई थी सुनंदा पुष्कर की मौत? 

कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की लाश 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के फाइव स्टार होटल के एक कमरे में पाई गई थी। सुनंदा की जब मौत हुई, उस वक्त वो 52 साल की थी और शशि थरूर कांग्रेस सरकार में मिनिस्टर थे। सुनंदा शशि थरूर की तीसरी पत्नी थी। सुनंदा की मौत ने कई सवाल भी खड़े किए, लेकिन आज तक ये सिर्फ मिस्ट्री ही बनी हुई है। 

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