नोटबंदी का एक साल : PM मोदी के बनारस में कितना पड़ा असर

नोटबंदी का एक साल : PM मोदी के बनारस में कितना पड़ा असर

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-08 13:47 GMT
नोटबंदी का एक साल : PM मोदी के बनारस में कितना पड़ा असर

डिजिटल डेस्क, बनारस। 8 नवंबर 2017 को नोटबंदी का एक साल पूरा हो गया है। ऐसे में पीएम मोदी के के संसदीय क्षेत्र बनारस में इसका कितना असर पड़ा है, ये जानना बेहद दिलचस्प होगा। बनारस के सरैया के अमरपुर बटलोइया इलाका जो बुनकरों की एक छोटी सी बस्ती है। मोहम्मद अब्दुल जलील का परिवार पिछली कई पुश्तों से बनारसी साड़ी बनाने के व्यापार से जुड़ा है। एक साल पहले देश में लागू हुई नोटबंदी की मार इस परिवार पर भी पड़ी है। उन्होंने बताया कि 7 साल पहले घर पर चार हैंडलूम की मशीनों को हटाकर पावर लूम बनाया था। जिसके बाद कमाई तकरीबन सात से आठ हजार रुपये महीना हो जाती थी, लेकिन नोटबंदी के बाद अब सिर्फ तीन से चार हजार रुपये तक आ गई है।

63 वर्षीय अब्दुल जलील ने बताया कि बनारस और आसपास के कई जिलों में बनारसी साड़ी के बुनकरों का कारोबार नोटबंदी के बाद लगभग ठप हो गया है। जिसकी वजह से कारीगर काम छोड़कर वापस अपने गांव चले गए हैं। अब्दुल जलील ने बताया कि जीएसटी से भी उन्हें काफी नुकसान पहुंचा है। जीएसटी लागू होने के बाद वे बनारसी साड़ी बनाने के लिए धागा भी नहीं खरीद पा रहे, क्योंकि जीएसटी लागू होने के बाद इसकी कीमत बढ़ गई।

जानकार बताते हैं कि अब्दुल जलील ही नहीं बनारस और आसपास के जिलों में ऐसे कई और कारीगर हैं जिनपर नोटबंदी और जीएसटी की मार पड़ी है। जानकारों के मुताबिक साड़ी और अन्य टेक्सटाइल मटेरियल बनाने का पूरा कारोबार नोटबंदी से पहले सालाना दो हजार करोड़ रुपये का था लेकिन नोटबंदी के बाद इसमें 50 फीसदी की गिरावट आई है

99 फीसदी नोट वापस आ गए

रिजर्व बैंक ने 30 अगस्त 2017 को बताया कि नोटबंदी के बाद 1000 रुपये और 500 रुपये के करीब 99 प्रतिशत नोट वापस आ गए। कुल 15 लाख 44 हजार करोड़ के पुराने नोट बंद हुए थे।  इनमें से 15 लाख 28 हजार करोड़ की रकम बैंकों में लौटी है। यानी कि मात्र 16 हजार करोड़ रुपए ही बैंकों के पास नहीं आए।

रिजर्व बैंक द्वारा बंद किए 99 फीसदी नोट वापस आने की सूचना के बाद विपक्षी पार्टियां और अर्थशास्त्रियों ने मोदी सरकार पर हमले तेज कर दिए। इनका कहना था कि जब लगभग सारा पैसा वापस बैंकों में लौट गया है, तो काला धन कहां गया? सरकार कालेधन को पकड़ने में कामयाब नहीं रही है। सारा काला धन भी बैंक में आ गया है। हालांकि सरकार का कहना है कि जो कैश जमा हुआ है, उनमें जब सारे संदिग्ध ट्रांजेक्शन और खातो की जांच होगी तब नोटबंदी के असली फायदें लोगों के सामने आएंगे।

 

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