MP : लॉ डिपार्टमेंट और हाईकोर्ट के रिकॉर्ड का होगा डिजिटलीकरण

MP : लॉ डिपार्टमेंट और हाईकोर्ट के रिकॉर्ड का होगा डिजिटलीकरण

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-03 04:55 GMT
MP : लॉ डिपार्टमेंट और हाईकोर्ट के रिकॉर्ड का होगा डिजिटलीकरण

डिजिटल डेस्क, भोपाल। राज्य सरकार के विधि एवं विधायी कार्य विभाग (लॉ डिपार्टमेंट) अब अपने तथा मध्यप्रदेश की जबलपुर हाईकोर्ट और उनकी ग्वालियर एवं इंदौर बेंच के रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण करेगा। इसके लिए नए नियम जारी कर दिए गए हैं।

डिजिटलीकरण भौतिक अभिलेखों का होगा जिसमें कागज/नोटशीट या अन्य पेपर्स पर लिखित, मुद्रित टीप, नोट, विवरण कार्यवाहियां एवं हस्ताक्षर शामिल होंगे और इनमें लंबित या निराकृत प्रकरण, प्रशासनिक अभिलेख, राजपत्र अधिसूचनायें/परिपत्र/प्रकाशन, पत्रिकायें, पंजीकायें आदि भी सम्मिलित होंगी। परन्तु इसमें मूल दस्तावेज की प्रतिलिपियां, फोटोप्रतियां शामिल नहीं होंगी। नए नियमों के अनुसार, अब आवक शाखा में अन्य विभागों से हार्ड कापी में प्राप्त नस्तियों-दस्तावेजों को स्कैन किया जाएगा। इसके बाद स्कैन की गई नस्तियों की साफ्ट प्रतियां सर्वर में सुरक्षित रखी जाएंगी।

स्वत्व, शैक्षणिक उपलब्धियां एवं व्यक्तिगत अधिकारों का सृजन करने वाले मूल दस्तावेजों को उनके डिजिटलीकरण की दिनांक से या प्रकरण के अंतिम निराकरण की दिनांक से, इनमें से जो भी पश्चातवर्ती हो, 12 वर्षों तक या अन्यथा विनिर्दिष्ट अवधि तक नष्ट नहीं किया जाएगा। ऐतिहासिक, सामाजिक, वैज्ञानिक और कलात्मक महत्व के मूल दस्तावेजों को, जैसा कि विभाग का मत हो, स्थाई रुप से परिरक्षित रखा जाएगा। पिछले तीन वित्तीय/कैलेण्डर वर्षों से संबंधित प्रशासनिक अभिलेख विनष्ट नहीं किए जायेंगे।

नए नियमों के अनुसार, डिजिटलीकरण के बाद, बी-वन न्यायिक शाखा एक की डिजिटल फाईलों/नस्तियों जिसमें नवीन न्यायालयों का गठन, न्यायिक अधिकारियों की डिजिटल चिकित्सा नस्तियां, राज्यपाल-मुख्यमंत्री-वित्त मंत्री के अभिभाषण आदि शामिल हैं, बीस वर्ष बाद नष्ट किए जा सकेंगे। न्यायिक शाखा दो की डिजिटल नस्तियां जिसमें संसद/विधानसभा के प्रश्न, विधानसभा आश्वासन, जांच आयोगों में नियुक्तियां आदि शामिल हैं, पांच वर्ष बाद नष्ट की जा सकेंगी। इसी प्रकार अन्य शाखाओं तथा हाईकोर्ट से संबंधित डिजिटल नस्तियों का भी विनष्टीकरण निर्धारित समयावधि बाद किया जा सकेगा।

विधि एवं विधायी कार्य विभाग मप्र के प्रमुख सचिव एएम सक्सेना ने मामले में कहा है कि ‘‘विधि विभाग ने अपने यहां फाईलों के डिजिटलीकरण प्रारंभ किया है। इन्हें कब तक रखा जाएगा इसके लिए भी नियम बनाये गए हैं।’’

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