'गंदगी फैलाने वालों को वंदे मातरम कहने का हक नहीं'
'गंदगी फैलाने वालों को वंदे मातरम कहने का हक नहीं'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक शिकागो भाषण की 125वीं वर्षगांठ और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशताब्दी के अवसर पर दिल्ली के विज्ञान भवन में युवाओं को संबोधित किया। साथ ही उनका ये भाषण टेक्निकल कॉलेजों में लाइव भी देखा गया।
भारत के इस नौजवान के भाषण ने पूरी दुनिया को हिला दिया था
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि विवेकानंद एक ऐसे युवा थे जिन्होंने सवा सौ साल पहले दुनिया को एक नया रास्ता दिखाया था। इस देश के नौजवान ने अपने भाषण से पूरी दुनिया को हिला दिया था। हैरानी की बात है कि लोगों को पहले इस तारीख का महत्व पता नहीं था। आज 11 सितंबर है विश्व को 2001 से पहले ये पता ही नहीं था कि 9/11 का महत्व क्या है। दोष दुनिया का नहीं था। दोष हमारा था कि हमने ही उसे भुला दिया था। और अगर हम ना भुलाते तो 21वीं शताब्दी का 9/11 ना होता। पीएम ने कहा कि विवेकानंद जी ने हमेशा दुनिया में भारत की तारीफ की है लेकिन भारत में आकर यहां की समस्याओं को उठाया है उन्होंने। वो जीवन में कभी गुरू नहीं खोजने गए थे। वे हमेशा सत्य की तलाश में थे। महात्मा गांधी भी जीवन भर सत्य की तलाश में घूमते रहे।
नारी भी इंसान है उसे आदर-भाव से देखो
क्या हम आज नारी का सम्मान करते हैं क्या हम लड़कियों के प्रति आदर-भाव से देखते हैं? जो नारी के भीतर इंसान नहीं देख पाते उन्हें स्वामी विवेकानंद के भाषण पर तालियां बजाने का हक नहीं है।
पान खाकर थूकने वालों को वंदे मातरम कहने का हक नहीं
पीएम ने कहा कि जब हम तेज आवाज में वंदे मातरम सुनते हैं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं, पर क्या हमें वंदे मातरम कहने का हक है। लोग पान खाकर भारत मां पर पिचकारी मारते हैं और फिर वंदे मातरम बोलते हैं। ऐसे लोगों को वंदे मातरम कहने का कोई हक नहीं है। ये बात सुनकर लोगों को बुरा लगेगा उन्हे चोट पहुंचेगी, पर यह करना जरूरी है।
कुछ लोग मेक इन इंडिया का विरोध करते हैं
मोदी ने कहा, "जब मैं मेक इन इंडिया कहता हूं तो कई लोग इसका विरोध करते हैं। अगर कोई विवेकानंद और जमशेद जी टाटा के बीच पत्र व्यवहार को देखें तो आप पाएंगे कि विवेकानंद उनसे कहते हैं कि भारत में उद्योग लगाओ" विवेकानंद ने हमेशा स्किल डेवलपमेंट पर जोर दिया। हमने यही किया है इसके लिए अलग से एक मिनिस्ट्री बनाई। मेरे देश का नौजवान नौकरी लेने वाला नहीं देने वाला बनना चाहिए।
सभी को सफाई का संकल्प लेना होगा
हमारे देश में कॉलेजों की छात्र राजनीति करने वाले लोगों ने चुनाव में कभी कैंपस की सफाई की बात नहीं कहीं। आज देख सकते हैं कि छात्र राजनीति कहां से कहां पहुंच गई है। चुनाव के बाद वहां कचरा पड़ा होता है। अगर गांधी विवेकानंद के सपनों का भारत बनाना है तो सफाई का संकल्प लेना होगा। अगर सवा सौ करोड़ देशवासी एक कदम चलें तो हिन्दुस्तान सवा सौ करोड़ कदम चलेगा।
"डे" मनाने हैं तो सभी "डे" का मनाए
मोदी ने कहा, "मैंने देखा है कि कुछ लोग कॉलेजों में डे मनाते हैं आज रोज डे है। कुछ लोग इसका विरोध करते हैं। मैं विरोधी नहीं हूं। कॉलेज विचार व्यक्त करने का स्थान है। पर क्या हरियाणा का कॉलेज तय करता है कि आज तमिल डे या पंजाब का कॉलेज केरल डे मनाएगा। वहां की संस्कृति को जिएं। क्या इससे एक भारत श्रेष्ठ भारत नहीं बनेगा। हमे देश की हर भाषा और लोगों के सम्मान का भाव पैदा करनी चाहिए। हम पंजाब के सिख गुरुओं का डे भी मना सकते हैं।
मोदी ने कहा बिना क्रिएटिविटी के जीवन संभव नहीं है। हर व्यक्ति को क्रिएटिव होना चाहिए ताकि देश तरक्की करे।
भाषण से पहले मोदी ने रविवार को ट्वीट कर बताया,"कल यंग इंडिया-न्यू इंडिया के तहत स्टूडेंट्स को संबोधित करने के लिए उत्सुक हूं। स्वामी विवेकानंद के विचारों के प्रेरणा मिलती है। हमें वक्त रहते उठकर जागने और सपनों को पूरा करने की इच्छा शक्ति मिलती है। उन्होंने युवा शक्ति को देश को आगे ले जाने के लिए बड़ी ताकत बताया था।" आपकों बता दें कि मोदी की इस स्पीच को "Young lndia New lndia- A Resurgent Nation from Sankalp to Sidhhi" टाइटल दिया गया है।
TMC ने किया विरोध
पीएम मोदी के इस संबोधन का पश्चिम बंगाल सरकार ने विरोध किया। बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार की पूरी कोशिश है कि एजुकेशन सिस्टम का "भगवाकरण" कर दिया जाए। राज्य सरकार के ऑर्डर के खिलाफ जाकर हम कॉलेजों में पीएम की स्पीच का लाइव प्रसारण नहीं करा सकते हैं।