दागी नेताओं के मामले में चुप नहीं रह सकता EC : सुप्रीम कोर्ट

दागी नेताओं के मामले में चुप नहीं रह सकता EC : सुप्रीम कोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-12 13:13 GMT
दागी नेताओं के मामले में चुप नहीं रह सकता EC : सुप्रीम कोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दोषी राजनेताओं को ताउम्र राजनीति से दूर रखने की मांग को लेकर दायर एक याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग की जमकर खिंचाई की। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि निर्वाचन आयोग इस मसले पर चुप नहीं रह सकता। 

जस्टिस रंजन गोगोई और नवीन सिन्हा की बेंच ने निर्वाचन आयोग से पूछा कि क्या वह इस मसले पर चुप्पी साधने के लिए विवश है। कोर्ट का कहना था 'क्या आपके लिए चुप्पी ही एक विकल्प है, आपको हां या ना में जवाब देना होगा। आपको यह बताना होगा कि क्या आप याचिकाकर्ता का समर्थन कर रहे हैं? आप निर्वाचन आयोग हैं और भारत का एक नागरिक दागी राजनेताओं पर ताउम्र प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर यहां आया है। क्या आप कह सकते हैं कि मैं इस पर खामोश रहूंगा? नहीं आप ऐसा नहीं कह सकते।'

निर्वाचन आयोग के जवाब का उल्लेख करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बहुत साफ है कि आयोग ने याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय की अपील का समर्थन किया है। जब सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा तो उसके वकील ने कहा कि आयोग राजनीति को अपराध से मुक्त करने के मुद्दे का समर्थन करता है। इस पर बेंच ने कहा कि क्या आप दागी नेताओं को ताउम्र प्रतिबंध लगाने का समर्थन करते हैं? हालांकि आयोग के वकील ने यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग इस मुद्दे पर टिप्पणी करने के लिए सही प्राधिकर्ता नहीं है और आयोग इस मुद्दे पर एक अलग हलफनामा दायर करेगा। 

याचिकाकर्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने जो कि खुद पेशे से वकील हैं, दावा किया कि देश के 30 प्रतिशत सांसद कानून तोड़ने वाले हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल आंकड़े हैं। इसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने उपाध्याय से पूछा कि क्या वे दागी लोकसेवकों के मुद्दे को भी उठा रहे हैं, क्योंकि यह दलील पेश की गई है कि लोकसेवकों और न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ आरोप साबित होने पर उन्हें ताउम्र सेवा से प्रतिबंधित कर दिया जाता है, जबकि एक राजनेता को केवल 6 साल के लिए प्रतिबंधित किया जाता है।

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