EC का AAP को झटका, 20 विधायकों पर चलता रहेगा केस

EC का AAP को झटका, 20 विधायकों पर चलता रहेगा केस

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-24 11:58 GMT
EC का AAP को झटका, 20 विधायकों पर चलता रहेगा केस

एजेंसी, नई दिल्ली. चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों की उस मांग को खारिज कर दिया है, जिसमें AAP विधायकों ने संसदीय सचिव के पद पर नियुक्ति से जुड़े मामले में सुनवाई बंद करने की अपील की थी. विधायकों की दलील दी थी कि दिल्ली हाईकोर्ट ने जब उनकी संसदीय सचिव के पद पर नियुक्ति रद्द कर दी है, तो अब सुनवाई जारी रखने का कोई मतलब नहीं बनता है. चुनाव आयोग ने विधायकों को इस अर्जी को ठुकराते हुए सुनवाई जारी रखने के आदेश दिए हैं.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी और निर्वाचन आयुक्त एके जोती ने शुक्रवार को आप विधायकों की अर्जी पर जारी आदेश में कहा कि उच्च न्यायालय के गत वर्ष आठ सितंबर के आदेश से आयोग में लाभ के पद को लेकर चल रही सुनवाई पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसलिये इस मामले में सुनवाई जारी रहेगी।

उच्च न्यायालय ने केजरीवाल सरकार द्वारा आप के 21 विधायकों को दिल्ली सरकार में मंत्रियों का संसदीय सचिव नियुक्त करने के फैसले को शून्य और निष्प्रभावी करार दिया था। इस फैसले के हवाले से आप विधायकों ने आयोग में अर्जी दायर कर कहा था कि जब उनकी बतौर संसदीय सचिव नियुक्ति हुयी ही नहीं है तब फिर आयोग में उनके खिलाफ लंबित लाभ के पद के मामले में सुनवाई का कोई अर्थ नहीं रह जाता है। लिहाजा इन सभी ने आयोग से उनके खिलाफ शिकायत रद्द करने का अनुरोध किया था।

आयोग ने विधायकों का अनुरोध अस्वीकार करते हुये आप विधायकों की संसदीय सचिव के पद पर नियुक्ति को एक तथ्य के रूप में स्वीकार करते हुये कहा कि ये विधायक 13 मार्च 2015 से आठ सितंबर 2016 तक संसदीय सचिव के पद पर थे। आयोग ने कहा कि विधायकों द्वारा अदालत के आदेश के आधार पर यह कहना कि उनकी नियुक्ति हुई ही नहीं थी, कानूनी तौर पर यह दलील टिकने लायक नहीं है।

आयोग ने इस आधार पर इनकी नियुक्ति में लाभ का पद होने के मामले में की गई। शिकायत पर सुनवाई जारी रखने को कहा है। साथ ही राजौरी गार्डन विधानसभा क्षेत्र से विधायक जरनैल सिंह द्वारा विधायक पद से इस्तीफा देने के कारण उन्हें इस मामले में पक्षकारों की सूची से बाहर कर दिया गया है। आयोग ने कहा कि सिंह के इस्तीफे से खाली हुई सीट पर उपचुनाव भी हो चुका है इसलिये अब उन्हें इस मामले में पक्षकार बनाने का कोई अर्थ नहीं रह जाता है।आयोग ने सभी पक्षकारों को सुनवाई की अगली तारीख जल्दी ही सूचित करने को कहा है।

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