Budget: वित्त मंत्री ने सीतारमण ने पेश किया आर्थिक सर्वे, 7 % रहेगी GDP की रफ्तार

Budget: वित्त मंत्री ने सीतारमण ने पेश किया आर्थिक सर्वे, 7 % रहेगी GDP की रफ्तार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-04 03:26 GMT
हाईलाइट
  • देश में 7 % रहेगी GDP की रफ्तार
  • मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम द्वारा तैयार की समीक्षा रिपोर्ट
  • वित्त मंत्री सीतारमण ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के पहले बजट से आज (गुरुवार) राज्यसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया है। मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम द्वारा तैयार किए गए इस सर्वे के मुताबिक 2019-2020 में देश की जीडीपी 7 फीसदी तक रह सकती है। इससे आगामी वित्त वर्ष के लिए नीतिगत फैसलों के संकेत भी मिले हैं। इसके अलावा देश का वित्तीय घाटा 5.8 फीसदी तक जा सकता है. जबकि पिछले साल ये आंकड़ा 6.4 फीसदी पर था।

कोर्ट पहुंचाई गई सर्वेक्षण की कॉपियां 

आर्थिक सर्वे के अनुसार अगर भारत को 2025 तक 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाना है तो लगातार 8 फीसदी की रफ्तार बरकरार रखनी होगी। इसके अलावा इस बार निवेश के जरिए देश की जीडीपी रफ्तार पकड़ सकती है। हालांकि, जो भी कुछ कमी आंकड़ों में दिख रही है उसका असर महंगाई की वजह से ही दिख रहा है।

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि देश में पर्याप्त रूप से विदेशी मुद्रा भंडार है और आगे भी इसमें कमी नहीं आएगी। 14 जून तक देश में कुल 42220 करोड़ डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार मौजूद था। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, विदेशी निवेशकों का भरोसा घरेलू बाजार में बढ़ा है। वित्त वर्ष 2018-19 में नेट एफडीआई में 14.1 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। एनपीए की समस्या सरकारी बैंकों में ज्यादा है, जिससे उनकी बैलेंसशीट पर असर पड़ा है। क्रेडिट ग्रोथ में तेजी देखी जा रही है। साल 2018 की दूसरी छमाही से क्रेडिट ग्रोथ में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है। कंस्ट्रक्शन में तेजी आने से IIP ग्रोथ बेहतर हुई। एमएसएमई सेक्टर को कर्ज देने की रफ्तार तेज हुई।

सर्वेक्षण के मुताबिक 2018-19 में भारत उभरते देशों में सबसे आगे रहा है। देश में निवेश की दर में गिरावट का सिलसिला खत्म हुआ.सरकार ने बताया है कि इस साल देश की आर्थिक ग्रोथ बेहतर रहने का अनुमान है. यह 7 फीसदी की ऊपर रह सकती है। वहीं, देश में कंस्ट्रक्शन सेक्टर में हालात कुछ बेहतर हुए है। ऐसे में सीमेंट और स्टील की खपत भी बढ़ी है.आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि एनबीएफसी की सेहत बिगड़ने से ऑटो सेल्स की बिक्री में कमी आई है। साथ ही, एनपीए यानी डूबे कर्ज़ बढ़ने से बैंकों की बैलेंसशीट पर दबाव बढ़ा है। 

एक नजर बजट के इतिहास पर
भारत का पहला आम बजट 18 फरवरी 1860 में पेश किया गया था। उस समय में ब्रिटिश वायसराय की काउंसिल के मेंबर (फाइनेंस) जेम्स विल्सन थे। आरके षणमुखम चेट्टी स्वतंत्र भारत के पहले वित्तमंत्री थे। उन्होंने 26 नवंबर 1947 को बजट पेश किया था। इंदिरा गांधी देश के पहली महिला वित्तमंत्री थी। जिन्होंने 28 फरवरी 1970 को बजट पेश किया था। 49 साल बाद ये पहला मौका है जब देश का आम बजट बतौर देश की दूसरी महिला वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। देश के इतिहास में अब तक मोरारजी देसाई ने सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया है। 

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