लखनऊ KGMU मामला : योगी पहुंचे अस्पताल, 3 दिन में आएगी जांच कमेटी की रिपोर्ट

लखनऊ KGMU मामला : योगी पहुंचे अस्पताल, 3 दिन में आएगी जांच कमेटी की रिपोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-16 02:48 GMT
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डिजिटल डेस्क,लखनऊ। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के ट्रॉमा सेंटर में शनिवार शाम भीषण आग लग गई। आग लगने के बाद पूरे हॉस्पिटल में अफरातफरी मच गई। इस दौरान ट्रामा सेंटर बंद होने और मरीजों के शिफ्ट होने से इलाज के अभाव में पांच लोगों की मौत हो गई है। इनमें 3 नवजात बच्चे हैं। इस हादसे के बाद जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ KGMU पहुंचे. योगी इस घटना के जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही cm ने 3 सदस्यों की कमेटी बनाई है। कमेटी को 3 दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।

KGMU में आग लगने के बाद पीड़ितों का आरोप है कि देर तक इलाज नहीं मिला. यहां तक कि अस्पताल में ट्रामा सेंटर की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी.

अस्पताल प्रशासन की दलील है कि मौत की वजह आग नहीं, बल्कि इलाज बाधित होने से गंभीर मरीजों की मौत हो गई.

शुरुआती जांच में ये रिर्पोट सामने आई हैं

1 फायर अलार्म सिस्टम ख़राब था

2. इमरजेंसी गेट समय पर नहीं खोला गया, गेट की चाबियां नहीं मिल पाईं

3. फायर ब्रिगेड ट्रैफिक के कारण 20 मिनट देर से पहुंचा

4. स्ट्रेचर की कमी के कारण परेशानी सामने आई

5. मरीजों और उनके तीमारदारों की तरफ किस्सी का कोई ध्यान नही था 

आग ट्रॉमा सेंटर की दूसरी और तीसरी मंजिल पर लगी थी। आग के विकराल रूप को देखते हुए दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल से मरीजों को निकालकर उन्हें दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट कराया गया। केजीएमयू के सीएमएस शंखवार ने बताया कि आग दूसरी और तीसरी मंजिल पर लगी थी। आग से किसी की मौत की खबर नहीं है।

दमकल की 6 गाडियों की मदद से आग पर काबू पाया जा सका, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि मरीजों को अन्य सरकारी अस्पतालों में शिफ्ट किया गया। अधिकारियों ने कहा कि आग एयरकंडीशनर में शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी और देखते ही देखते दूसरे तल पर फैल गई।

योगी ने कहा, 'इस घटना के लिए दोषी व्यक्तियों का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाए, जिससे उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा सके। साथ ही, इस प्रकार की घटना की भविष्य में पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए भी संस्तुतियां दी जाएं'। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, सेंटर के ज्यादातर मरीजों को लारी और शताब्दी अस्पताल में शिफ्ट किया गया। 

 

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