पहले भी हो चुका है चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस चेलामेश्वर में टकराव

पहले भी हो चुका है चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस चेलामेश्वर में टकराव

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-12 13:24 GMT
पहले भी हो चुका है चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस चेलामेश्वर में टकराव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने शुक्रवार को देश के इतिहास में पहली बार चीफ जस्टिस पर सवाल खड़े किए। इन जजों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरह से काम नहीं कर रहा है और यदि ऐसा ही चलता रहा, तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस जे चेलामेश्वर के नेतृत्व में जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने मीडिया के सामने यह बातें रखी।

कानूनी फैसलों पर बारीकी से नजर रखने वालों के अनुसार, इस पूरे मामले में लीड करने वाले जस्टिस चेलामेश्वर का चीफ जस्टिस से पूराना टकराव भी रहा है। यह टकराव मेडिकल एडमिशन घोटाले से जुड़ा हुआ है। दरअसल, इस घोटाले पर जस्टिस चेलामेश्वर के फैसले को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने पलट दिया था।

मेडिकल एडमिशन घोटाले में घिरे ओडिशा हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज के खिलाफ एसआईटी जांच की याचिका पर सुनवाई के लिए चेलामेश्वर की बेंच ने बड़ी बेंच बनाने का आदेश दिया था। दो सदस्यों की बेंच के इस फैसले को जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली पांच सदस्यीय बेंच ने पिछले साल नवंबर में पलट दिया था। दीपक मिश्रा की बेंच ने चेलामेश्वर के फैसले को रद्द करते हुए कहा था कि कौन सी बेंच किस केस की सुनवाई करेगी, यह फैसला करना चीफ जस्टिस का काम है। किस बेंच में कौन से और कितने जज होंगे, यह तय करने का अधिकार भी सिर्फ चीफ जस्टिस को है।

क्या था मेडिकल एडमिशन घोटाला
मेडिकल एडमिशन घोटाले में ओडिशा हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज और 5 अन्य लोगों को CBI ने गिरफ्तार किया था। जज पर आरोप था कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट की ओर से बैन लगाए जाने के बावजूद प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को छात्रों का रजिस्ट्रेशन करने की मंजूरी दी थी।

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