रेप के आरोप में बंद गायत्री प्रजापति ने जिला प्रशासन से मांगी खास सुविधायें

रेप के आरोप में बंद गायत्री प्रजापति ने जिला प्रशासन से मांगी खास सुविधायें

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-08 08:31 GMT
रेप के आरोप में बंद गायत्री प्रजापति ने जिला प्रशासन से मांगी खास सुविधायें

डिजिटल डेस्क,लखनऊ. लखनऊ की जिला जेल में रेप के आरोप में बंद यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने सामान्य कैदियों के इतर स्थानीय प्रशासन से उनके कद के हिसाब से सुविधायें देने की मांग की है। जिला प्रशासन ने उनकी मांगों को फिलवक्त अनसुना करते हुए उन्हें बाकायदा प्रार्थनापत्र लिखकर अपनी मांगें सामने रखने को कहा है। 

दरअसल प्रजापति जिला जेल में इन दिनों आम कैदियों की तरह जमीन पर कंबल बिछा कर सो रहे हैं और जेल की रोटी तोड़ रहे हैं। अब उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि उन्हें पूर्व विधायक और मंत्री होने के नाते जेल में बिस्तर और अन्य सुविधायें दिलायी जायें। जिला प्रशासन ने उन्हें प्रार्थनापत्र देकर उचित माध्यम से अपनी मांगें जिला प्रशासन के सामने रखने को कहा हैं जिस पर जिला प्रशासन कानूनी सलाह लेकर और जेल अधिकारियों से विचार करके कोई फैसला लिया जाऐगा। आपको बता दें कि गायत्री प्रसाद समाजवादी सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

15 मार्च 2017 को बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार गायत्री प्रजापति लखनऊ में गोसाईगंज जिला जेल में सामान्य कैदियों की तरह बंद है। वह एक कमरे में कई कैदियों के साथ रह रहे हैं और जमीन पर ही सोते है जेल में मिलने वाला खाना ही खाते हैं। लखनऊ के जिलाधिकारी  कौशल राज शर्मा ने कहा कि कल शाम वह जिला जेल का दौरा करने गये थे। किसी संदिग्ध वस्तु, मोबाइल आदि की आशंका से उन्होंने पूरी जेल का दौरा किया।

इस दौरान वह पूर्व मंत्री गायत्री की बैरक में गये और उस बैरक की तलाशी भी कराई लेकिन तलाशी के दौरान जेल में और गायत्री की बैरक में उन्हें कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला । उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक गायत्री ने उनसे मांग की कि उन्हें पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री होने के नाते जेल में विशेष सुविधायें मिलनी चाहिए। इस पर डीएम ने गायत्री से कहा कि उन्हें इस बारे में एक प्रार्थनापत्र जेल अधिकारियों के माध्यम से जिला प्रशासन को भेजना होगा । डीएम ने उन्हें कहा कि प्रशासन इस मामले में कानूनी सलाह लेंगे,साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि बेहतर है कि पूर्व विधायक इस मामले में अदालत जाएं। अदालत जिला प्रशासन को जो निर्देश देगी उसी के अनुसार कदम उठाए जाएंगे

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