#MeToo कैम्पेन: आरोप से दुखी कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट ने की खुदकुशी

#MeToo कैम्पेन: आरोप से दुखी कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट ने की खुदकुशी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-20 10:55 GMT
#MeToo कैम्पेन: आरोप से दुखी कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट ने की खुदकुशी
हाईलाइट
  • कंपनी में काम करने वाली दो महिला कर्मचारियों ने उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
  • वाइस प्रजिडेंट राज स्वरुप ने यौन उत्पीड़न के आरोप में फांसी लगा कर की खुदकुशी

डिजिटल डेस्क,ग्रेटर नोएडा। मीडिया रिपोर्ट के मुताविक ग्रेटर नोएडा से एक सनसनी खबर सामने आई है। जिसमें जेनपैक्ट कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट स्वरुप राज ने यौन उत्पीड़न के आरोप से दुखी होकर फांसी लगा ली। राज स्वरुप की शादीसिर्फ दो (2) साल पहले ही हुई थी। खुदकुशी के समय पत्नी के नाम लिखकर सुसाइड नोट छोड़ गए हैं।

me too कैम्पेन के दौरान यौन उत्पीड़न का आरोप लगने पर जेनपैक्ट कंपनी के सहायक उपाध्यक्ष स्वरूप राज ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। राज, एक्सप्रेसवे के पास स्थित पैरामाउंट सोसायटी के रहने वाले हैं। जेनपैक्ट कंपनी के सहायक उपाध्यक्ष स्वरूप यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद कंपनी ने जांच पूरी होने तक उन्हें कंपनी से सस्पेंड कर दिया था। 

पुलिस ने राज का सुसाइड नोट बरामद किया है। उन्होंने सुसाइड नोट अपनी पत्नी के नाम लिखा था। इसमें राज स्वरुप दूारा लिखा गया था कि उन पर जो यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं वो झूठे हैं। यदि जांच में उन्हें निर्दोष भी घोषित कर दिया गया, फिर भी आरोप लगने की वजह से लोग उन्हें शक की निगाह से ही देखेंगे, वह कैसे दोबारा कंपनी जाएंगे। 

इस घटना के कारण स्वरुप राज मानसिक तनाव में थे,जिससे परेशान होकर राज ने रात करीब 12 बजे अपने ही घर के कमरे में फासी लगा ली। उस समय पत्नी घर पर नहीं थी। पत्नी ने घर आते ही स्वरुप को पंखे पर लटके देखा जिसकी सूचना उनकी पत्नी ने पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस ने राज स्वरुप के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। 

स्वरूप राज मूलरूप से गुड़गांव के रहने वाले थो। यहां नोएडा में वे पत्नी के साथ रहते थे। राज पर कंपनी में काम करने वाली दो महिला कर्मचारियों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इस वजह से कंपनी प्रबंधन ने जांच पूरी होने तक उन्हें नौकरी से सस्पेंड कर दिया था, इसके साथ ही कंपनी की तरफ से दिया गया लैपटॉप भी उनसे वापस ले लिया था। 

निलंबन पत्र में कंपनी प्रबंधन ने कहा था कि जांच पूरी होने तक वह कंपनी के किसी भी काम में हिस्सा नहीं ले सकते हैं। जिसकी वजह से राज स्वरुप मानसिक तनाव में रहने लगे थे। राज ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि वे अपनी पत्नी से बहुत प्यार करते हैं और चाहते थे कि उनकी पत्नी समाज में इज्जत और मजबूती के साथ रहें। 
 

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