लोकसभा में पेश हुआ 'भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल-2018'

लोकसभा में पेश हुआ 'भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल-2018'

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-12 16:26 GMT
लोकसभा में पेश हुआ 'भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल-2018'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में सोमवार को "भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल 2018" पेश किया गया। दावा किया जा रहा है कि अगर ये बिल कानून की शक्ल लेता है तो फिर नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे भगौड़े आर्थिक अपराधियों पर लगाम लगाई जा सकेगी। इस बिल में भारत में इकोनॉमिक फ्रॉड कर विदेश भागने वाले अपराधियों की संपत्ति को ज़ब्त करने समेत कई सख्त प्रावधान शामिल किये गए हैं। बैंकों के साथ धोखाधड़ी के लगातार आ रहे मामलों को देखते हुए मोदी सरकार अब ये नया बिल लेकर आई है।

वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने लोकसभा में सोमवार को यह विधेयक पेश किया। इस विधेयक के नोट में कहा गया है, "भगोड़ा आर्थिक आपराधी वो है जिसके खिलाफ इस तरह का अपराध करने के बाद गिरफ्तारी का वॉरंट जारी किया गया है। लेकिन वो गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई से बचने के लिये विदेश भाग गया है, या फिर कानूनी कार्रवाई का सामना न करने के लिये भारत आने से इनकार कर रहा हो।" 

प्रस्तावित बिल में है ये प्रावधान

  • 100 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा की रकम का फ्रॉड कर देश से भागे व्यक्तियों की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है।
  • अदालत में वहीं मामले लिए जाएंगे जिनमें से 100 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा की रकम शामिल हैं।
  • अदालत बैंक या वित्तीय संस्थाओं के साथ धोखाधड़ी करने जैसे मामलों में आरोपी को भगौड़ा घोषित करेगा।
  • जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले कर्जदारों और जिनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है उन पर लागू होगा।
  • जो अपराधी के स्वामित्व वाली है या नहीं और जो उसकी बेनामी संपत्ति है, उसे जब्त करने का आदेश देने का प्रावधान है।
  • भगोड़े आर्थिक अपराधी की कोई सिविल दावा करने या बचाव करने की हकदारी नहीं होने का भी प्रावधान है।


50 करोड़ से ज्यादा के लोन पर पासपोर्ट डिटेल जरूरी
इससे पहले 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का लोन लेने वालों को उनकी पासपोर्ट डिटेल देना वित्त मंत्रालय ने अनिवार्य कर दिया था। वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 45 दिनों के भीतर उन सभी कर्जदारों के पासपोर्ट का ब्यौरा लेने का आदेश दिया था, जिन्होंने 50 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज ले रखा है। वित्त मंत्रालय की एडवायजरी में कहा गया था कि अगर कर्जदार के पास पासपोर्ट नहीं है तो बैंक को उस व्यक्ति से घोषणापत्र के रूप में एक प्रमाणपत्र लेना होगा, जिसमें इस बात का जिक्र होगा कि संबंधित व्यक्ति के पास पासपोर्ट नहीं है। 

माल्या और नीरव मोदी भाग चुके है देश छोड़कर
भारतीय बैंकों का तकरीबन 9000 करोड़ रुपए लेकर विजय माल्या के भाग जाने के बाद से ही सरकार पर इस बात का दबाव था कि वह माल्या के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे और उसे वापस लाकर देश का पैसा वसूले। लेकिन सरकार विजय माल्‍या को तो अभी तक वापस नहीं ही ला पाई और इस बीच नीरव मोदी समेत दो-तीन और घोटालेबाज देश छोड़कर भाग गए। इस वजह से सरकार पर यह दबाव बन गया था कि वह भ्रष्‍टाचार पर कुछ करती दिखे। क्‍योंकि सरकार बनाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काले धन पर अंकुश लगाने की काफी बातें की थी।

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