इकॉनामी में जान फूंकने के लिए सरकार को चाहिए वियाग्रा : सिब्बल

इकॉनामी में जान फूंकने के लिए सरकार को चाहिए वियाग्रा : सिब्बल

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-22 16:58 GMT
इकॉनामी में जान फूंकने के लिए सरकार को चाहिए वियाग्रा : सिब्बल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि नरेन्द्र मोदी सरकार के करीब साढ़े तीन साल के कार्यकाल में डिजिटल क्षेत्र को छोड़कर पूरी अर्थव्यवस्था का ढांचा चरमरा गया है। कांग्रेस ने कहा केंद्र सरकार को अब महसूस होने लगा है कि इसमें जान फूंकने के लिए "वियाग्रा" की जरूरत है। कांग्रेस ने कहा कि स्थिति को देखते हुए श्वेत पत्र नहीं, विपक्ष को सड़कों पर उतरने की जरूरत है। हाल के दिनों में देश की आर्थिक विकास दर में जिस तरह से गिरावट आई है, वह चिंता की बात है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा केंद्र सरकार ने नई कर प्रणाली और विमुद्रीकरण के माध्यम से आर्थिक विकास की रही सही संभावनाओं को भी नष्ट कर दिया है। 

अमीरों को और अमीर बना रही है सरकार
कपिल सिब्बल ने कहा मोदी सरकार के शासनकाल में "देश की एक प्रतिशत आबादी के पास राष्ट्र की 58 प्रतिशत सम्पदा जा पहुंची है। पहले यह आंकड़ा 30 प्रतिशत का था। राजग सरकार के कार्यकाल में अमीर और अमीर होते जा रहे हैं, जबकि गरीब और गरीब होते जा रहे हैं। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत के अनुसार पेट्रोल पर प्रति लीटर 21 रूपये की लागत आ रही है। तेलशोधन आदि की लागत 9.56 रूपये प्रति लीटर आ रही है। इस तरह प्रति लीटर पेट्रोल के दाम 31 रूपये के आसपास बैठते हैं। यही पेट्रोल मुंबई में 79 रूपये प्रति लीटर बेचा जा रहा है। इसका अर्थ है कि इस पर 48 रूपये प्रति लीटर का शुल्क वसूला जा रहा है। 

चरमराई अर्थव्यवस्था 
सिब्बल ने कहा एक केन्द्रीय मंत्री कह रहे हैं कि वाहन रखने वाले गरीब नहीं होते। वित्त मंत्री अरूण जेटली कहते हैं कि 42 प्रतिशत केन्द्रीय करों को राज्यों को देना पड़ता है। यदि आपको टैक्स लगाना ही है, तो देश की उस एक प्रतिशत आबादी पर लगाइए, जिसके पास 58 प्रतिशत संपत्ति है। उन्होंने कहा रिजर्व बैंक ने भी यह स्वीकार किया है कि 1963 के बाद बैंक ऋण विकास दर कभी इतनी कम नहीं रही है, जितनी 2016-2017 में रही है। कपिल सिब्बल ने कहा कि इतने दिनों के राजनीतिक जीवन में मैंने किसी को इतने अकुशल तरीके से अर्थव्यवस्था को चलाते नहीं देखा। उन्होंने किसानों, लघु एवं मझोले उद्योगों तथा परिवहन क्षेत्र में आई मंदी का उल्लेख करते हुए कहा कि आज लोगों के पास क्रय शक्ति नहीं बची है। 

श्वेतपत्र नहीं, सड़कों पर उतरने की जरूरत
कपिल सिब्बल ने कहा इस सरकार की नीतियों को आप इसी से समझ सकते हैं कि सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत तो बढ़ा दी गयी, किन्तु गैर सब्सिडी वाले सिलेंडर पर दाम कम कर दिए गए हैं। इसका सीधा मतलब यही है कि अमीरों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा अब सरकार को यह महसूस हो रहा है कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए वियाग्रा की जरूरत है। अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए 40-50 हजार करोड़ रूपये की जरूत है।  उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा अर्थव्यवस्था के बारे में श्वेत पत्र लाने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि हर चीज से आम आदमी अवगत है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को सड़कों पर उतरने की जरूरत है।

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