गुजरात : 12वीं की संस्कृत की किताब में बताया राम ने किया था सीता का अपहरण

गुजरात : 12वीं की संस्कृत की किताब में बताया राम ने किया था सीता का अपहरण

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-01 07:33 GMT
गुजरात : 12वीं की संस्कृत की किताब में बताया राम ने किया था सीता का अपहरण

डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। सीता का अपहरण किसने किया? एक बच्चा भी इस सवाल का सही जवाब दे सकता है, लेकिन गुजरात में कक्षा 12वीं की संस्कृत की किताब में बताया गया है कि सीता का अपहरण रावण ने नहीं, राम ने किया था।

जब इस तथ्य की ओर अधिकारियों का ध्यान दिलाया तो उन्होंने इसे अनुवाद की गलती बता कर पल्ला झाड़ लिया है। 

गलती से रावण की जगह लिखा राम का नाम 


12वीं संस्कृत की पुस्तक "इंट्रोडक्शन टु संस्कृत लिटरेचर" की पृष्ठ संख्या 106 पर लिखा गया है - ‘यहां कवि ने अपनी मौलिक सोच और विचार से राम के चरित्र की सर्वश्रेष्ठ तस्वीर खींची है। राम द्वारा सीता का अपहरण कर लिए जाने के बाद लक्ष्मण द्वारा राम को दिए गए संदेश का दिल छू जाने वाला वर्णन किया गया है।’

बता दें कि यहां राम की जगह रावण लिखा जाना चाहिए था, लेकिन अनुवादक ने गलती से रावण की जगह राम का नाम लिख दिया। इस गलती को प्रूफ में भी पकड़ा नहीं गया, जिसकी वजह से इतनी बड़ी तथ्यात्मक गलती हो गई। 

गलत अनुवाद की वजह से हुई गड़बड़ी 


गुजराती टेक्सटबुक में छपे कालिदास के काव्य "रघुवंशम" में यह बात सही छपी है। रिटायर्ड संस्कृत प्रफेसर वसंत भट्ट ने कहा कि यह तो सर्वज्ञात बात है कि सीता का अपहरण राम ने नहीं रावण ने किया था। यह बात तो प्राथमिक स्कूल का बच्चा भी बता सकता है। आश्चर्य की बात है कि इतनी बड़ी तथ्यात्मक गलती की ओर किसी का ध्यान क्यों नहीं गया। पाठ्यपुस्तकों के प्रकाशन के पहले कई स्तरों पर चेक किया जाता है। इस मामले में गड़बड़ी कैसे हुई इसे संबंधित लोग ही बता सकते हैं, लेकिन यह एक बड़ी गलती है। 
 

गलत अनुवाद से हुई चूक, जल्द सुधारेंगे गलती 


इस बारे में जब गुजरात स्टेट बोर्ड ऑफ स्कूल टेक्स्ट बुक्स के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. नितिन पेठानी से संपर्क किया गया तो पहले तो उन्होंने इसके बारे में जानकारी होने से ही इनकार कर दिया। हालांकि, बाद में उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए इसे सुधारने की बात कही। उन्होंने कहा, "दरअसल, यह अनुवाद की गलती है। अनुवाद करने वाले व्यक्ति ने गलती से रावण की जगह राम का नाम लिख दिया। जिससे यह बड़ी गलती हुई। गुजराती की टेक्स्ट बुक में ऐसी कोई गलती नहीं है। 

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