गुजरात दंगे : SC ने निचली कोर्ट से 4 माह में सुनवाई पूरी करने को कहा

गुजरात दंगे : SC ने निचली कोर्ट से 4 माह में सुनवाई पूरी करने को कहा

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-25 13:28 GMT
गुजरात दंगे : SC ने निचली कोर्ट से 4 माह में सुनवाई पूरी करने को कहा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात की निचली कोर्ट से 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े मामलों की सुनवाई 4 माह में पूरा करने को कहा है। इन दंगों में 11 लोगों की मौत हो गई थी। जस्टिस जेएस खेहर की अगुवाई वाली बेंच को शुक्रवार को यह सूचित किया गया कि निचली कोर्ट में मामले की सुनवाई जारी है और बचाव पक्ष के बयान दर्ज हो रहे हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली कोर्ट को बचाव पक्ष के सुबूतों को अगले दो माह में दर्ज करना होगा।

कोर्ट ने कहा, ‘किसी भी स्थिति में हम उम्मीद करते हैं कि ट्रायल कोर्ट चार महीने के भीतर अपना फैसला सुना देगी।’ इस बेंच में जस्टिस खेहर के साथ जस्टिस एएम खानविलकर और डीवाय चंद्रचूड़ भी शामिल हैं। बेंच को यह भी बताया गया कि नौ में से उन दो मामलों में, जिसकी जांच एसआईटी ने की है, निचली कोर्ट में अभी भी लंबित हैं। जबकि एक लंबित मामले में 60 लोगों के खिलाफ सुनवाई पूरी हो चुकी है, जिसमें से 24 को दोषी पाया गया है, वहीं 36 अन्य बरी हुए हैं। लेकिन गुलबर्ग सोसायटी मामले में चार किशोरों की संलिप्तता के मामले में कार्रवाई अभी भी किशोर न्यायाधिकरण के पास लंबित है।

इस पर कोर्ट ने कहा कि यह मामला 15 साल पहले गोधरा दंगों के बाद नरोदा गाम में बंद के दौरान हुई हिंसा का है, इसलिए किशोर न्यायाधिकरण को रोजाना सुनवाई कर सुबूतों को दर्ज करने की कार्रवाई करनी चाहिए और अगर संभव हो तो मामले पर त्वरित फैसला भी देना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी के सदस्य और गोधरा दंगों के बाद हिंसा के नौ मामलों की जांच करने वाले एके मल्होत्रा से कहा कि वे कोर्ट के आदेश की कॉपी निचली कोर्ट और किशोर न्यायाधिकरण तक पहुंचा दें। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दंगों में मारे गए अन्य लोगों के परिजनों द्वारा मुआवजे की मांग को लेकर दायर याचिका और दंगों में निष्क्रिय भूमिका निभाने के आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के मामलों की आठ हफ्ते में सुनवाई करने की बात कही।
 

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