''किसे वोट करूंगा किसे नहीं ये मेरा फैसला है'' : शंकर सिंह वाघेला

''किसे वोट करूंगा किसे नहीं ये मेरा फैसला है'' : शंकर सिंह वाघेला

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-07 10:34 GMT
''किसे वोट करूंगा किसे नहीं ये मेरा फैसला है'' : शंकर सिंह वाघेला

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। गुजरात की सियासत ने सत्ता के गलियारों का माहौल काफी गर्मा दिया है। राज्यसभा चुनाव को लेकर इन दिनों पूरे देश की निगाहें गुजरात पर टिकी हुई हैं। हाल ही में कांग्रेस का दामन छोड़ने वाले वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला ने राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल के समर्थन को लेकर अपना पत्ता साफ नहीं किया है। रिर्पाेटर्स से  से बातचीत के दाैरान उन्होंने माना कि अहमद पटेल से उनके काफी पुराने और अच्छे संबंध हैं, लेकिन उनको समर्थन देने के सवाल को वाघेला अपनी तरह से टाल गए।

बना लिया है अपना मन

उन्हाेंने बड़ी चालाकी से जवाब देते हुए कहा कि वोट काे लेकर फैसला मेरा है आैर मेरा ही रहेगा  मुझे किसे वाेट देना है आैर किसे नहीं यह मैं ही तय करूंगा। दरअसल मीडिया से बातचीत में उन्हाेंने यह साफ किया कि उन्हाेंने कल हाेने वाली वाेटिंग के लिए मन बना लिया है। हालांकि उन्होंने साफ कर दिया है कि क्या करना है, इस पर उन्होंने अपना मन बना लिया है।

अहमद पटेल को लेकर क्या सोचा है आपने  

हर वोटर अपने ख़ुद के वोट का मालिक होता है। अहमद भाई पटेल से मेरे अच्छे संबंध हैं, मैंने उनसे चर्चा की है इसलिए क्या करना है और क्या नहीं करना है ये मेरे और अहमद पटेल का आपसी मामला है। उन्होने कहा कि मेरी निजी सोच है मेरा निजी फ़ैसला है। किसे वोट करना है, किसे नहीं करना है ये कोई सवाल नहीं है। ऐसा कुछ नहीं है कि मुझे आखरी वक्त फैसला लेना है। मैंने पहले ही अपना मन बना लिया है।

हमारा रिश्ता राजनीति से अलग

1977 में जब मैं जनता पार्टी के हिस्से से लोकसभा सांसद चुना गया तब अहमद भाई कांग्रेस से जुड़े हुए थे। तब से ही हम अच्छे दोस्त हैं। मैं उनके घर भी आया-जाया करता था। आज भी हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं। आज सुबह भी हमने फ़ोन पर चर्चा की। कल भी वो मुझे फ़ोन करेंगे। 8 तारीख़ के बाद भी हम एक-दूसरे से मिलेंगे। इसलिए कोई दिक़्क़त नहीं है। हमारा रिश्ता राजनीतिक दल से अलग है।

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