प्रतिबंधित संगठन एसएफजे की घोषणा के बाद दिल्ली में हाई अलर्ट (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

प्रतिबंधित संगठन एसएफजे की घोषणा के बाद दिल्ली में हाई अलर्ट (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

IANS News
Update: 2020-08-11 13:00 GMT
प्रतिबंधित संगठन एसएफजे की घोषणा के बाद दिल्ली में हाई अलर्ट (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं, क्योंकि ऐसी खबरें आ रही हैं कि प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर खालिस्तान का झंडा फहराने वाले को 125,000 डॉलर का इनाम देने की घोषणा की है।

इसके बाद राजधानी दिल्ली में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 45,000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी पहरा देंगे। इसके अलावा लाल किले के चारो ओर पांच किलोमीटर की परिधि में ऊंची इमारतों पर 2,000 से अधिक स्नाइपर्स की तैनाती की जाएगी।

सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि ये आतंक पैदा करने के लिए एसएफजे द्वारा किया गया एक प्रयास है। दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों ने कहा है कि संदिग्धों पर पैनी नजर रखी जा रही है।

एसएफजे के अटॉर्नी और जनरल काउंसल गुरपतवंत सिंह पन्नुन ने सोशल नेटवर्किं ग साइटों पर एक संदेश डाला है, जिसमें भारत के 74वें स्वतंत्रता समारोह में लाल किले पर खालिस्तान का झंडा बुलंद करने वाले किसी भी शख्स को 125,000 अमेरिकी डॉलर का इनाम देने की घोषणा की गई है। इसके बाद अलर्ट जारी किया गया है।

एसएफजे ने कहा है कि 15 अगस्त सिखों के लिए स्वतंत्रता दिवस नहीं है। एसएफजे नेता ने समुदाय को याद दिलाते हुए कहा, 1947 सिर्फ उनके लिए शासकों की अदला-बदली है। भारतीय संविधान सिखों को हिंदुओं के रूप में लेबल करता है। 1984 में सिखों का नरसंहार किया गया और पंजाब के प्राकृतिक संसाधनों को अनुचित रूप से गृहित किया जा रहा है।

खालिस्तान समर्थक समूह ने पिछले महीने घोषणा की थी कि उसने 15 अगस्त को अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, इटली, जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भारतीय दूतावासों के सामने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान अपने अलगाववादी एजेंडे रेफरेंडम 2020 के लिए मतदाता पंजीकरण शिविर आयोजित करने की योजना बनाई है।

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पहले ही इन दूतावासों को अलर्ट पर रहने को कहा है।

इसके अलावा रेफरेंडम 2020 की वकालत करने के लिए जुलाई 2019 में गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित एसएफजे ने चार जुलाई से पंजाब, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग पोर्टलों के माध्यम से रेफरेंडम 2020 के लिए अपना ऑनलाइन मतदाता पंजीकरण शुरू करने का प्रयास किया, मगर संगठन कथित तौर पर समर्थन नहीं जुटा सका।

समूह ने पन्नुन के निर्देश पर दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह के लिए अपना मतदाता पंजीकरण शुरू करने के लिए दो बार कनाडाई साइबरस्पेस का उपयोग किया है, जो पिछले महीने भारत सरकार द्वारा नामित नौ खालिस्तानी कार्यकर्ताओं में शामिल है।

यूएस में रहने वाला पन्नुन रेफरेंडम 2020 अभियान में एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है। उसके अमेरिका स्थित कट्टरपंथी खालिस्तान संगठन ने रेफरेंडम 2020 के अपने एजेंडे का समर्थन करने के लिए भारत और विदेश में रहने वाले सिखों से आग्रह किया है।

एकेके/एएम

Tags:    

Similar News