गाइडलाइन: मुंह कवर करना अनिवार्य, थूकने पर जुर्माना, सिर्फ इन कामों के लिए छूट

गाइडलाइन: मुंह कवर करना अनिवार्य, थूकने पर जुर्माना, सिर्फ इन कामों के लिए छूट

Bhaskar Hindi
Update: 2020-04-15 05:01 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोनो वायरस के संकट को देखते हुए देश में 3 मई तक के लिए बढ़ाए गए लॉकडाउन को लेकर गृह मंत्रालय ने बुधवार को गाइडलाइन जारी की है। इसमें लॉकडाउन के बीच किसे छूट मिलेगी, किसे नहीं इसकी जानकारी दी गई है। सरकार ने अब सार्वजनिक और कार्यस्थलों पर मुंह कवर करना जरूरी कर दिया है। वहीं सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर जुर्माना लगाया जाएगा। बस, रेल, हवाई सभी तरह के यातायात पूरी तरह बंद रहेंगे, जबकि खेती से जुड़े काम के लिए छूट दी गई है। वहीं लॉकडाउन तोड़ने पर सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है। 

कृषि से जुड़े कामों के लिए छूट
लॉकडाउन 2.0 के लिए जारी की गई गाइडलाइन्स में कृषि कार्यों के लिए सीमित छूट दी गई है। फसल कटाई के लिए किसानों को छूट और कन्स्ट्रक्शन के प्रोजेक्ट को सीमित छूट दी गई है। कृषि उपकरणों की दुकानें, उनके मरम्मत और स्पेयर पार्ट्स की दुकानें खुली रहेंगी। बीज, खाद, कीटनाशकों के निर्माण और वितरण का काम चालू रहेगा, इनकी दुकानें भी खुली रहेंगी। फसल कटाई से जुड़ी मशीने भी एक राज्य से दूसरे राज्य में जा सकेंगी।

गाइडलाइन्स में सार्वजनिक स्थान पर थूकने वालों पर भी जुर्माना लगाया गया है। सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल और रेस्तरां भी 3 मई तक बंद रहेंगे। शादी ब्याह के समारोह समेत जिम और धार्मिक स्थान बंद रखने के निर्देश। राजनीतिक और खेल आयोजन पर भी रोक रहेगी। मास्क पहनना अनिवार्य किया गया, हालांकि मुंह ठकने के लिए घर में बना मास्क, दुपट्टा या गमछे का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं लॉकडाउन के दौरान बस-मेट्रो सर्विस बंद रहेगी। घरेलू उड़नों पर पाबंदी जारी रहेंगी। स्कूल, कोचिंग संस्थान भी फिलहाल बंद रहेंगे।

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मनरेगा मजदूर कर सकेंगे काम 
नई गाइडलाइन में मनरेगा के मजदूरों को काम करने की इजाजत दी गई है लेकिन काम के दौरान सोशल डिस्टैंसिंग का सख्ती से पालन करने को कहा गया है।

दो पहिया वाहन में एक और चार पहिया में दो व्यक्ति बैठ सकेंगे
चार पहिया वाहन में ड्राइवर के अलावा केवल एक ही व्यक्ति बैठ सकेगा। जबकि दो पहिया वाहन में केवल एक व्यक्ति को इजाजत। इसका उल्लंघन करने वाले पर जुर्माना भी लगेगा।

ये भी हैं केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा निर्देश- 

  • ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसायिक गतिविधियों को सीमित दायरे में इजाजत।
     
  • ग्रामीण क्षेत्र में इंडस्ट्री को मुक्त रखा गया, लेकिन शर्त यह है कि वह शहरी एमसीडी के क्षेत्र में नहीं आता हो। जिन क्षेत्रों को रियायत दी गई है उसमें स्पेशल इकोनॉमिक जोन भी शामिल हैं, लेकिन इन क्षेत्रों में सामाजिक दूरी बनाए रखना होगा।
     
  • खाद्य प्रसंस्करण, आईटी हार्डवेयर, कोयला उद्योग, खान उद्योग, तेल रिफाइनरी इंडस्ट्री, पैकेजिंग इंडस्ट्री और जूट उद्योग को राहत दी गई है। ये उद्योग 20 अप्रैल से काम कर सकेंगे। इसके साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में ईंट भट्ठे चलाने को भी इजाजत दी गई है। सड़क निर्माण, सिंचाई प्रोजेक्ट और बिल्डिंग निर्माण कार्य को भी प्रतिबंध के दायरे से मुक्त कर दिया गया है।
     
  • लोगों को कम से कम असुविधा हो इसीलिए सीमित गतिविधि की इजाजत दी गई है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन किए जाने की शर्त पर। सभी प्रकार की हेल्थ सर्विसेस को छूट दी गई है। दवाइयों के मैन्युफैक्च रिंग और पैकेजिंग को इजाजत दी गई है।
     
  • सभी तरह की खेती बारी को मुक्त रखा गया है। मंडियों को इस से रियायत दी गई है। कृषि क्षेत्र से सम्बंधित दुकानों को खुलने की इजाजत दी गयी है। कृषि से संबंधित मशीन और कलपुर्जे की दुकानों को खोलने की इजाजत दी गयी है। मछ्ली पालन को पूरी तरह छूट दी गयी हैं।
     
  • इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया जाने वाला मनरेगा को पूरी तरह छूट दी गई है। नई गाइडलाइन के मुताबिक गैस, तेल ,एलपीजी, पीएनजी के उत्पादन और वितरण को छूट दी गई है। पावर सेक्टर को पूरी तरह से मुक्त रखा गया है। पोस्टल सर्विसेस को बंदिशों से मुक्त रखा गया है।
     
  • रेलवे ट्रांसपोर्टेशन, रोड ट्रांसपोर्टेशन को इजाजत दी गई है। इसके साथ साथ इलेक्ट्रिक, आईटी, मोटर मैकेनिक, प्लंबर, कारपेंटर इन सब को छूट दी गई है। ये लोग 20 अप्रैल के बाद सामाजिक दूरी बनाते हुए अपना काम जारी रख सकते हैं।
     
  • सरकार ने साफ-साफ कहा है कि सभी केन्द्रीय कार्यलयों में डिप्टी सेक्रेटरी से ऊपर के अधिकारी की सौ फीसदी उपस्थिति रहेगी, जबकि अवर सचिव से नीचे के कर्मचारी की उपस्थिति जरूरत के हिसाब से 33 के आस पास होनी चाहिए। उधर राज्यों और केन्द्र शासित राज्यों को भी निर्देश दिया गया है कि ग्रुप ए और बी सर्विसेस को छोड़कर नीचे के कर्मचारियों को आवश्यकतानुसार 33 फीसदी तक ही बुलायें।

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