India Fights Corona: ICMR ने कहा- भारत में कोविड-19 वैक्सीन का मानव पर परीक्षण शुरू होने में लग सकते हैं 6 महीने 

India Fights Corona: ICMR ने कहा- भारत में कोविड-19 वैक्सीन का मानव पर परीक्षण शुरू होने में लग सकते हैं 6 महीने 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-05-26 12:21 GMT
India Fights Corona: ICMR ने कहा- भारत में कोविड-19 वैक्सीन का मानव पर परीक्षण शुरू होने में लग सकते हैं 6 महीने 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना वायरस के प्रारंभिक हॉटस्पॉट रहे ईरान को पछाड़कर भारत संक्रमण की वैश्विक सूची में 10वें स्थान पर आ गया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कहा है कि कोविड-19 वैक्सीन के लिए कम से कम 6 महीने में मानव परीक्षण शुरू हो सकते हैं।

रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर के निदेशक और आईसीएमआर के प्रमुख डॉ. रजनी कांत ने मंगलवार को से कहा कि पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) प्रयोगशाला में वायरस का स्ट्रेन अलग किया गया है, अब इसका वैक्सीन बनाने में उपयोग किया जाएगा। इस स्ट्रेन को सफलतापूर्वक भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) में स्थानांतरित कर दिया गया है। उम्मीद है कि कम से कम छह महीनों में वैक्सीन के मानव परीक्षण शुरू हो जाएंगे।

पिछले सप्ताह से हर दिन 5 हजार नए केस मिल रहे
भारत में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या 1.4 लाख पहुंच गई है, लेकिन कांत का कहना है कि हमें संख्या में तेजी से हो रही वृद्धि के बारे में चिंतित नहीं होना चाहिए। जबकि पिछले सप्ताहभर से हर दिन 5,000 से ज्यादा कोविड-19 के मामले सामने आ रहे हैं। कांत ने कहा कि हमें संख्या की बजाय कमजोर समूहों की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। 

कोविड-19 से बुजुर्गों को बचाने की जरूरत
कांत ने आगे कहा कि हमें कोविड-19 मामलों के बढ़ने से नहीं डरना चाहिए। बुजुर्गों और ऐसे लोग जो पहले से ही किसी बीमारी से ग्रसित हैं, उन लोगों की सुरक्षा की आवश्यकता है। यह अत्यधिक कमजोर समूह है, और हमें इस समूह में मृत्यु दर को कम रखने के लिए पर्याप्त संसाधन लगाने और रणनीतियों को विकसित करने की जरूरी है।

देश में कोरोना से मृत्यु दर सबसे कम  
शुरुआत में यह माना गया था कि देश को हजारों वेंटिलेटर की जरूरत होगी, लेकिन पिछले हफ्ते, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 के केवल 0.45 प्रतिशत मामलों में वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत है। कांत ने जोर दिया कि फोकस पांच फीसदी से 10 फीसदी गंभीर मरीजों पर होना चाहिए। उन्होंने कहा​ कि हम रोजाना एक लाख से अधिक परीक्षण कर रहे हैं और हमारे यहां कोविड मामलों की मृत्यु दर पहले से ही दुनिया में सबसे कम है। लिहाजा, वैक्सीन के अभाव में लोगों को सामाजिक दूरी के दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए, जो बहुत कारगर है।

देश में कोविड-19 रोगियों की रिकवरी दर 41 प्रतिशत
रिकवरी दर के महत्व पर कांत ने कहा कि कोविड-19 रोगियों की रिकवरी दर 41 प्रतिशत है, जो कि इस घातक संक्रमण के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक अहम चीज है। मुंबई, दिल्ली और अहमदाबाद में बड़े पैमाने पर सामने आ रहे मामलों को लेकर कांत ने कहा कि इन क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व बहुत अधिक है, जो वायरल संक्रमण फैलने के लिए सही वातावरण साबित होता है। उन्होंने ऐसे कोरोना से बुरी तरह प्रभावित हुए हॉट स्पॉट्स में मजबूत क्लस्टर प्रबंधन रणनीतियों को विकसित करने पर जोर दिया और कहा कि इन क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही पूरी तरह बंद की जानी चाहिए। कांत ने आगे कहा कि वर्तमान में, बहुत लोग आसानी से घूम रहे हैं और सामाजिक दूरियों के मानदंडों का पालन नहीं कर रहे हैं। लॉकडाउन का पहला चरण बहुत प्रभावी था, लेकिन अब चीजें बदल गई हैं।

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