IIT में छात्राओं के लिए अतिरिक्त 779 सीट की व्यवस्था
IIT में छात्राओं के लिए अतिरिक्त 779 सीट की व्यवस्था
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के सबसे बड़े प्रौद्योगिकि संस्थान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) केवल महिला आवेदकों के लिए 779 सीटों की बढ़ोतरी करेगा। हर साल महिलाएं बड़ी संख्या में जेईई एडवांस की परीक्षा पास करती हैं लेकिन एडमिशन काफी कम को मिल पाता है, जिसके कारण लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या कम रह जाती है।
गौरतलब है कि आईआईटी भारत के सबसे बड़े शिक्षण संस्थानों में से है। इन संस्थानों में महिलाओ की गिरती संख्या ने बोर्ड का ध्यान अपनी ओर खींचा है, जो कि बहुत चिंता का विषय है। यह निर्णय पिछले वर्ष आईआईटी काउंसिल द्वारा लिया गया था पर इसकी अधिकारिक घोषणा इस वर्ष हुई। जॉइंट एडमिशन बोर्ड 2017 द्वरा लिए गए इस फैसले से महिला आवेदको में खुशी का माहौल है।
संस्थान की छात्रा सयंत साहा ने कहा कि इस निर्णय से संस्थान में जेंडर गैप में सुधार आएगा और लड़कियों को भी उच्च स्तर की तकनीकी शिक्षा मिल सकेगी। आईआईटी खडगपुर में महिलाओं की संख्या में 6 प्रतिशत का इजाफा होगा।
संस्थान की टीचर सुदेशना सरकार ने कहा कि उम्मीद है कि इस कदम से संस्था में महिलाओं की बढ़ोतरी होगी और उनकी संख्या में 20 प्रतिशत तक उछाल आएगा। अतिरिक्त सीटों को बढ़ाने का काम फिलहाल अध्ययनरत छात्राओं की संख्या के आधार पर होगा। हर साल महिला आवेदकों के गिरते आंकड़ो के कारण यह फैसला जॉइंट एडमिशन बोर्ड 2017 की उप कमेटी द्वारा लिया गया।
सीटें इस प्रकार बांटी जाएंगी
- 113 सीटें आईआईटी खडगपुर
- 95 सीटें आईआईटी धनबाद
- 79 सीटें आईआईटी कानपुर
- 76 सीटेंआईआईटी बनारस (बनारस बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी)
- 68 सीटें आईआईटी रूड़की
- 59 सीटें आईआईटी दिल्ली
- 58 सीटें आईआईटी मुंबई
- 57 सीटें आईआईटी गुवाहाटी
इस समय छात्रों के मुकाबले छात्राओं की संख्या बहुत ही कम है, इस निर्णय से उन छात्राओं को निश्चित ही फायदा होगा जो सीटों की कमी होने के कारण तकनीकी शिक्षा से वंचित रह जाती हैं। 2010 में हुए एक सर्वे में पाया गया था कि एंट्रेंस एग्जाम की पढाई करने वाली कोचिंग में केवल 17 प्रतिशत महिलाएं पढ़ती हैं।