कर्नाटक का ओपिनियन पोल, किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं

कर्नाटक का ओपिनियन पोल, किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-07 16:09 GMT
कर्नाटक का ओपिनियन पोल, किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 12 तारीख को मतदान होना है। इससे पहले आए लोकनीति-सीएसडीएस और एबीपी न्यूज के ओपिनियन पोल में किसी भी पार्टी को बहुमत मिलता दिखाई नहीं दे रहा है।  हालांकि सत्‍तारूढ़ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है। वहीं राज्य में दूसरे नंबर पर बीजेपी और तीसरी बड़ी पार्टी जनता दल सेक्युलर (जेडीएस)  बन सकती है।

पोल में किसको कितनी सीटें?
पोल के मुताबिक कांग्रेस पार्टी को 97 सीटें, बीजेपी को 84, जेडीएस को 37 और अन्‍य को 4 सीटें मिलने के आसार हैं। यानि पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस के सर्वेसर्वा एचडी देवगौड़ा किंगमेकर की भूमिका में नजर आ सकते हैं। हालांकि वह चुनाव बाद किसी भी दल से गठबंधन से अब तक इनकार करते आये हैं। कर्नाटक में विधानसभा में 224 सीटें हैं और किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 113 सीटों की जरूरत होगी। अगर बीजेपी के 84 और जेडीएस की 37 सीटों को मिला दिया जाए तो बीजेपी की राज्‍य में सरकार बन सकती है। इसी तरह से अगर कांग्रेस की 97 सीटों में जेडीएस की 37 सीटों को जोड़ दिया जाए तो कांग्रेस सत्‍ता में वापसी कर सकती है। 

लिंगायत का दाव फेल
लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देने का कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का दांव वोटों में तब्दील होता नहीं दिख रहा है। सर्वे  के मुताबिक 61 फीसदी लिंगायत वोटर बीजेपी के साथ हैं और 18 प्रतिशत ने कांग्रेस का समर्थन किया। जेडीएस को भी 11 प्रतिशत लिंगायत वोट मिल रहे हैं। लिंगायत समुदाय की कर्नाटक विधानसभा चुनाव में निर्णायक भूमिका रही है। राज्य में लिंगायत समुदाय की आबादी 17 प्रतिशत है। ध्यान रहे की बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय के हैं. पूर्व के चुनावों पर गौर करें तो लिंगायत समुदाय बीजेपी का परंपरागत वोटर रहा है।

टाइम्स नाउ-VMR के सर्वे में भी हंग असेंबली
बता दें कि इससे पहले टाइम्स नाउ-VMR के सर्वे में 224 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस को 91 सीटें जबकि BJP को 89 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था।  टाइम्स नाउ-VMR का यह सर्वे 4 अप्रैल और 16 अप्रैल के बीच किया गया था। इसमें राज्य के सभी 6 क्षेत्रों से 4,000 से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया था। हर क्षेत्र के समान प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन क्षेत्रों को चुना गया था।   

क्या थे 2013 के नतीजे?
कांग्रेस - 122 सीट (36.6% वोट शेयर)
बीजेपी -  40 सीट (19.9 % वोट शेयर
जेडीएस - 40 सीट (20.2% वोट शेयर)
अन्य - 22 सीट (23.3% वोट शेयर)

बीजेपी के लिए अहम क्यों?
- 2013 में बीजेपी सत्ता से अलग हो गई थी।
- कर्नाटक जीत से 2019 के चुनाव के लिए राह आसान होगी।
- दक्षिण भारत का एकमात्र राज्य जहां बीजेपी सत्ता में रही।
- अगर जीते तो दक्षिण भारत में पार्टी विस्तार करने में मदद मिलेगी।

कांग्रेस के लिए अहम क्यों?
- देश में अकेला बड़ा राज्य जहां कांग्रेस की सरकार।
- सत्ता बरकररार रखना राहुल के लिए चुनौती।
- अगर हारी तो पंजाब ही एकमात्र बड़ा राज्य बचेगा।
- जीती को 2019 के लिए कांग्रेस के लिए मनोबल बढ़ेगा।

कर्नाटक में कब होंगे चुनाव?
कर्नाटक की 225 में से 224 विधानसभा सीटों के लिए एक ही चरण में 12 मई को वोटिंग की जाएगी। जबकि नतीजे 15 मई को घोषित किए जाएंगे।     

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