शोपियां एनकाउंटर: सैनिकों पर अफस्पा के उल्लंघन का आरोप, सेना प्रमुख बोले- दोषी जवानों पर होगी कड़ी कार्रवाई

शोपियां एनकाउंटर: सैनिकों पर अफस्पा के उल्लंघन का आरोप, सेना प्रमुख बोले- दोषी जवानों पर होगी कड़ी कार्रवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-18 18:29 GMT
शोपियां एनकाउंटर: सैनिकों पर अफस्पा के उल्लंघन का आरोप, सेना प्रमुख बोले- दोषी जवानों पर होगी कड़ी कार्रवाई
हाईलाइट
  • एनकाउंटर में तोड़े गए अफस्पा के कायदे कानून!
  • कार्रवाई करने वाले जवानों के खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वारी
  • प्रथम दृष्टया सेना के जवानों के खिलाफ गए सबूत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली/श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में फर्जी एनकाउंटर के मामले में सेना ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लिया है। सेना की ओर से मिली जानकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर के शोपियां में एक मुठभेड़ के दौरान जवानों को सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) के तहत मिली शक्तियों के उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है। सेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वारी ने जवानों को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। इस एनकाउंटर में तीन लोग मारे गए थे। वहीं इस मामले में सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का भी बयान आया है। जनरल नरवणे ने इंडिया टुडे से कहा कि सेना ऐसी किसी गलती पर जीरो टोलरेंस की नीति अपनाती है।

बता दें कि 18 जुलाई, 2020 को शोपियां जिले में अम्सीपोरा गांव में एक ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों ने राजौरी जिले के इम्तियाज अहमद, अबरार अहमद और मोहम्मद इबरार को मार दिया था। सुरक्षा बलों ने हालांकि दावा किया कि तीनों आतंकवादी थे, जिनसे मुठभेड़ के बाद हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया था। उनके रिश्तेदारों ने कहा कि वे शोपियां जिले में मजदूरों के तौर पर काम करने आए थे और आंतकवाद से उनका कोई लेना-देना नहीं था।

केस की जांच पूरी पारदर्शिता के साथ की जाएगी
जनरल नरवणे ने शुक्रवार को कहा कि अम्शीपोरा केस की जांच पूरी पारदर्शिता के साथ की जाएगी और उसे हर हाल में अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। भारतीय सेना अपने पेशेवर अंदाज के लिए जानी जाती है और वह इसके लिए प्रतिबद्ध है। हिंसा प्रभावित इलाकों के लिए जो भी गाइडलाइंस बनाई गई है, उसमें हमारी जीरो टोरलेंस की नीति है। ऐसी गलती बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

डीएनए रिपोर्ट आना बाकी
बता दें कि इस घटना के पीड़ितों ने सेना की कार्रवाई पर सवाल उठाया था और तीन लोगों के पीड़ित परिवार का आरोप है कि यह फर्जी एनकाउंटर था। इस घटना में जिन लोगों को मारा गया उनका आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं था। पुलिस ने रिश्तेदारों की ओर से संदेह जताए जाने के बाद शिकायत दर्ज की है और मारे गए व्यक्तियों के डीएनए मिलान के लिए नमूने एकत्र किए हैं। अभी डीएनए रिपोर्ट आना बाकी है। सेना की आंतरिक जांच, जिसके निष्कर्ष शुक्रवार को सार्वजनिक किए गए थे, उसमें कहा गया है कि जांच से कुछ निश्चित साक्ष्य सामने आए हैं, जो कि दर्शाते हैं कि अभियान के दौरान अफस्पा के तहत निहित शक्तियों का दुरुपयोग किया गया और उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वीकृत सेना प्रमुख की ओर से निर्धारित नियमों का उल्लंघन किया गया है।

प्रारंभिक जांच में पाया गया दोषी कार्रवाई के निर्देश
प्रारंभिक जांच में सक्षम अनुशासनात्मक प्राधिकारी को प्रथम दृष्टया जवाबदेह पाए जाने वालों के खिलाफ सेना अधिनियम के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया गया है। जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आतंकवाद या संबंधित गतिविधियों में तीन व्यक्तियों की कथित संलिप्तता की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है। रिपोर्ट में यह बात भी कही गई है कि भारतीय सेना ऑपरेशन के नैतिक आचरण के लिए प्रतिबद्ध है।

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