Indian Airforce: हर साल करीब 80 पायलट छोड़ देते हैं भारतीय वायुसेना, जानें वजह 

Indian Airforce: हर साल करीब 80 पायलट छोड़ देते हैं भारतीय वायुसेना, जानें वजह 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-18 17:53 GMT
Indian Airforce: हर साल करीब 80 पायलट छोड़ देते हैं भारतीय वायुसेना, जानें वजह 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लद्दाख में चीन और एलओसी पर पाकिस्तान के साथ जारी विवाद के बीच भारतीय वायुसेना (IAF) ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। भारतीय वायुसेना ने एक सूचना के अधिकार (RTI) वाली याचिका के जवाब में बताया कि बीते 10 साल में 798 पायलटों ने इस्तीफा दिया। यानी हर साल औसतन 80 पायलट भारतीय वायुसेना छोड़ रहे हैं। यह RTI इंडिया टूडे की ओर दाखिल की गई थी।

व​र्तमान में IAF पायलटों की भारी कमी का सामना कर रहा है। 1 फरवरी, 2018 को, सरकार ने राज्य सभा को सूचित किया कि भारतीय वायुसेना के पास 4,851 की स्वीकृत शक्ति के मुकाबले 3,855 पायलट ही थे। इसलिए 2018 में ही वायुसेना 376 पायलटों की कमी का सामना कर रहा था। ये स्थिति IAF की तैयारियों के अनुकूल नहीं है।

2016 में सबसे ज्यादा 100 पायलटों ने छोड़ी एयरफोर्स
2016 में 100 पायलटों और 2017 में 114 ने भारतीय वायुसेना छोड़ी। वहीं 2015 में 37 पायलटों ने सेवानिवृत्ति से पहले इस्तीफा दिया। 2015 वो साल रहा जिसमें बीते एक दशक के किसी भी साल की तुलना में सबसे कम पायलट भारतीय वायुसेना से अलग हुए। नहीं तो हर साल औसतन 80 पायलट इस्तीफे दे रहे हैं।

सेवानिवृत होने से पहले कई पायलटों ने छोड़ी नौकरी
सेवानिवृत्ति से पहले वायुसेना छोड़ने वालों में से कितने पायलट प्राइवेट एयरलाइंस में शामिल हुए? इस सवाल के जवाब में डायरेक्ट्रेट ऑफ पर्सनल सर्विस, एयर हेड क्वार्टर ने कहा कि प्राइवेट एयरलाइन में शामिल होने वाले अधिकारियों के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा सकती, क्योंकि ऐसा कोई डेटा नहीं रखा जाता है। यह सार्वजनिक प्राधिकरण निजी एयरलाइन्स से जुड़ने के लिए एनओसी प्रदान करता है। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि इस्तीफा देने वाले 798 पायलटों में से 289, को प्राइवेट एयरलाइंस की फ्लाइट्स के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट मिला। इसके सीधे मायने हैं बीते एक दशक में वायु सेना छोड़ने वाले पायलटों में से एक तिहाई से अधिक संभवत: कॉमर्शियल फ्लाइट्स उड़ा रहे हैं।

रिकॉर्ड के मुताबिक संख्या इस प्रकार हैं...

समाचार रिपोर्टों के मुताबिक, एक मध्य स्तर का IAF पायलट एक महीने में करीब 2 लाख कमाता है, लेकिन जब वह एक प्राइवेट एयरलाइंस में शामिल होता है तो उसकी आय चार गुना तक बढ़ सकती है। अधिकतर IAF पायलट 20 साल की सेवा पूरी करने के बाद वायुसेना छोड़ देते हैं, इससे वो पेंशन के हकदार रहते हैं।
 

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