खुफिया एजेंसियों ने भारत में खालिस्तान समर्थक गतिविधि के बारे में चेताया (आईएएनएस विशेष)

खुफिया एजेंसियों ने भारत में खालिस्तान समर्थक गतिविधि के बारे में चेताया (आईएएनएस विशेष)

IANS News
Update: 2020-06-28 14:01 GMT
खुफिया एजेंसियों ने भारत में खालिस्तान समर्थक गतिविधि के बारे में चेताया (आईएएनएस विशेष)

नई दिल्ली, 28 जून (आईएएनएस)। कोविड-19 महामारी और लद्दाख में हालिया भारत-चीन सैन्य गतिरोध के बीच, खुफिया एजेंसियों ने सरकार को देश में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों के बारे में चेताया है, जिसका समर्थन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस(एसएफजी) कर रहे हैं।

सूत्रों ने कहा कि चेतावनी में बताया गया है कि भारत-विरोधी गतिविधि अब्दुल्ला नामक आईएसआई हैंडलर, एसएफजे के संस्थापक अवतार सिंह पन्नू के साथ मिलकर चला रहा है।

पन्नू के बारे में बताया जा रहा है कि वह ब्रिटेन में रह रहा है।

अब्दुल्ला का नाम खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट(केएलएफ ) से सहानुभूति रखने वाले तीन संदिग्धों से पूछताछ के दौरान भी सामने आया था, जो उत्तरी राज्यों में लक्ष्य बनाकर लोगों को मारने की योजना बना रहे थे। केएलएफ समर्थकों को दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में एक सप्ताह चले अभियान के बाद दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने पकड़ा।

आईएसआई और एसएफजे भारत में लंबे समय से खालिस्तान समर्थन गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। सिखों के लिए एक अलग देश की मांग करने और जनमत संग्रह 2020 की वकालत करने के लिए एक ऑनलाइन अभियान की वजह से से गृह मंत्रालय ने एसएफजे को प्रतिबंधित कर दिया था।

खुफिया एजेंसियों ने एक अन्य व्यक्ति गोपाल सिंह चावला के बारे में जानकारी साझा की, जिसकी भारत में खालिस्तान समर्थक गतिविधि में भूमिका है। बताया गया है कि वह लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी हाफिज सईद का करीबी सहयोगी है।

यह चेतावनी इस माह की शुरुआत में साझा की गई थी, ताकि स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी को हाई अलर्ट पर रखा जा सके। सूत्रों के अनुसार, ऐसी खुफिया जानकारी साझा की गई थी कि आईएसआई और एसएफजे ने राष्ट्रीय राजधानी में आतंकवादी गतिविधि चलाने का काम केएलएफ समूह को दिया है।

सूचना के अनुसार, केएलएफ समूह का पाकिस्तानी आईएसआई हैंडलर अब्दुल्लाह और एसएफजे के अवतार सिंह पन्नू के साथ करीबी संबंध है। केएलएफ समूह को संगठन में युवाओं को भर्ती करने और पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं के इशारे पर काम करने का कार्य दिया गया था।

एक अन्य सूत्र ने कहा कि फंडिंग के लिए आईएसआई हैंडलर्स ने केएलएफ को स्थानीय व्यापारियों से पैसे उगाहने और स्थानीय हथियारों को इकट्ठा करने के निर्देश दिए थे, ताकि आतंकी मंसूबा चलता रहे।

सूत्रों ने कहा कि अब्दुल्ला ने उन्हें पाकिस्तान के आतंकी कैंप में प्रशिक्षण के लिए नए युवाओं को भर्ती करने और एके-47 जैसे राइफल देने का वादा करने के लिए कहा।

दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार केएलएफ संदिग्धों ने पुलिस को यह भी बताया कि उन्हें उनके हैंडलर्स द्वारा कहा गया था कि वे अपने जैसे लोगों के संपर्क में रहे ताकि उन्हें गिरफ्तार आतंकवादियों की कोर्ट में सुनवाई के समय उपस्थित रहने को कहा जा सके।

समूह को सोशल मीडिया साइटों पर भी पोस्टरों के साथ आपत्तिजनक वीडियो अपलोड करने के लिए कहा गया था, जिसमें खालिस्तान अभियान और नेताओं के समर्थन में गीत हो।

इस सूचना से यह स्पष्ट रूप से पता चला कि आईएसआई भारत को अस्थिर करने के लिए दो मोचरें पर अपनी बांहें फैला रहा है। वह जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद फैला रहा है और पंजाब में खालिस्तान समूहों को समर्थन दे रहा है।

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