PNB FRAUD: रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए इंटरपोल ने मांगी और जानकारी

PNB FRAUD: रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए इंटरपोल ने मांगी और जानकारी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-22 18:48 GMT
PNB FRAUD: रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए इंटरपोल ने मांगी और जानकारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े 12600 करोड़ के बैंकिंग घोटाले (PNB) के आरोपी मेहुल चोकसी और नीरव मोदी देश छोड़कर भाग गए है। अब इंटरपोल ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के बारे में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से अतिरिक्त सूचना मांगी है। रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के संबंध में ED से यह जानकारी मांगी गई है। बता दें कि इस बैंकिंग घोटाले को अंजाम देने के बाद ED ईमेल के जरिए दोनों आरोपियों से संपर्क किया था, लेकिन दोनों ने ही भारत लौटने में अपनी असमर्थता जताई है।

इंटरपोल ने पूछे हैं ये सवाल
ED ने इंटरपोल से नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ वारंट जारी करने की मांग की थी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इंटरपोल ने ED से पूछा है कि वह दोनों के खिलाफ वारंट क्यों चाहता है? जिसके जवाब में ED की तरफ से कहा गया कि दोनों लोगों से मनी लॉन्ड्रिंग के बारे में पूछताछ की जानी है। इस जांच को आगे बढ़ाने के लिए दोनों लोगों की जरुरत हैं। इसके अलावा इंटरपोल ने कुछ और भी सवाल प्रवर्तन निदेशालय से पूछे है। मालूम हो कि एक बार रेड कॉर्नर नोटिस जारी हो जाने के बाद इंटरपोल दुनिया के किसी भी कोने से संबंधित व्यक्ति को गिरफ्तार करने की कोशिश करती है और उस देश को उसे हिरासत में लेने के बारे में अधिसूचित करती है ताकि उनकी ओर से आगे की कार्रवाई की जा सके।

नीरव की कैसे होगी गिरफ्तारी
पीएनबी घोटाले को अंजाम देने के बाद से ये दोनों विदेश फरार हो गए है। जांच एजेंसियां इनकी तलाश कर रही हैं। इस स्कैम को भी बिल्कुल नए तरीका से अंजाम दिय गया है। ललित मोदी और विजय माल्या के बाद नीरव मोदी एक और ऐसा नाम है उस सूची में जुड़ गया है जो भारत में आर्थिक अपराध कर दूसरे देश में जाकर बस गया है। वहीं अब नीरव की गिरफ्तारी को लेकर तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं कि कैसे नीरव की गिरफ्तारी हो पाएगी। और क्या कुछ इसके आड़े आ सकता है। वहीं अगर देखा जाए तो भारत की 47 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि है। इसके तहत अगर कोई व्यक्ति भारत में अपराध करके भाग जाता है तो भारत उसके प्रत्यर्पण की गुजारिश उस देश से कर सकता है जहां उसने शरण ली है। लेकिन प्रत्यर्पण की भी कुछ शर्तें होती हैं जिसका दोनों ही देशों को पालन करना पड़ता है। मसलन जिस कृत्य के लिए व्यक्ति को प्रत्यर्पित किया जाना है वो दोनों ही देशों में दंडनीय अपराध हो। साथ ही कम से कम इस कृत्य के लिए एक साल तक की सजा का प्रावधान हो।

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