नाबालिग पत्नी से सेक्स यानी रेप, पर बालिग पत्नी से जबरदस्ती यौन संबंध रेप नहीं : SC

नाबालिग पत्नी से सेक्स यानी रेप, पर बालिग पत्नी से जबरदस्ती यौन संबंध रेप नहीं : SC

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-10 06:07 GMT
नाबालिग पत्नी से सेक्स यानी रेप, पर बालिग पत्नी से जबरदस्ती यौन संबंध रेप नहीं : SC

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शादी के बाद जबरदस्ती बने यौन संबंध को रेप की श्रेणी में नहीं रखने की बात कही है। आपको बता दें कि अब जबरदस्ती वैवाहिक यौन संबंध रेप की श्रेणी में नहीं आएगा। लेकिन अगर पत्नी की आयु 15 वर्ष से कम है, तब इस स्थिति में ये रेप की गिनती में आएगा। रेप को परिभाषित करने वाली भारतीय दंड संहिता की धारा 375 की अपवाद वाली उपधारा में कहा गया है कि किसी व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी के साथ स्थापित यौन संबंध, बशर्ते पत्नी 15 वर्ष से कम की नहीं हो, रेप की श्रेणी में नहीं आएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने जानना चाहा कि संसद ने पतियों द्वारा जबरन यौन से 15 से 18 वर्ष की आयु वर्ग की वैवाहिक लड़कियों के बचाव के लिए क्या कदम उठाये हैं। कोर्ट ने यह भी पूछा कि जिन लड़कियों का उनके पति द्वारा शोषण हुआ हो, वो कोर्ट का सहारा ले सकती है या नहीं। जिस पर जस्टिस एमबी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा कि संसद ने वैवाहिक रेप के मुद्दे पर विस्तृत बहस की है और माना गया कि यह रेप के अपराध में नहीं आता है, इसलिए इसे आपराधिक कृत्य नहीं माना जा सकता। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 15 साल से कम की आयु की लड़की का विवाह "अवैध" है।

वहीं इस पर बेंच ने कहा कि ऐसे भी मामले हैं जब कॉलेज जाने वाले 18 साल से कम आयु के युवा आपसी रजामंदी से यौन बना लेते हैं और कानून के तहत उन पर मामला दर्ज हो जाता है। जिसके लिए लड़के को सात साल की सजा का प्रावधान है। बेंच ने केन्द्र से उसे तीन हफ्ते में बाल विवाह कानून के तहत बीते तीन वर्ष में अभियोजन के मामलों की संख्या के बारे में अवगत कराने को कहा है।

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