पर्यावरण संरक्षण को जीवनशैली का हिस्सा बनाना जरूरी : सुशील मोदी
पर्यावरण संरक्षण को जीवनशैली का हिस्सा बनाना जरूरी : सुशील मोदी
सरकार की तरफ से यहां जारी बयान के अनुसार, मोदी ने कहा कि हिन्दू और बौद्घ परपंरा में लोग वृक्ष, जीव-जंतु, पहाड़, नदी की पूजा करते हैं। यही कारण है कि भारत एवं बौद्घ देशों ने पर्यावरण को अन्य संस्कृतियों की तुलना में सबसे कम प्रदूषित किया है।
उन्होंने कहा, केंद्र सरकार के जलशक्ति अभियान के साथ ही बिहार सरकार भी दो अक्टूबर से जल जीवन हरियाली अभियान प्रारम्भ करने जा रही है। बिहार के सभी पोखर, तालाब, आहर-पाइन को अतिक्रमणमुक्त कर तीन वर्षो में पुनर्जीवित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में जल संचय एवं जल संरक्षण के साथ-साथ नदी, नहर, सड़क के किनारे बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण को स्कूली शिक्षा का हिस्सा बनाया जाएगा।
मोदी ने मंगोलिया सरकार से आग्रह किया कि जिस तरह तीसरी और चौथी शताब्दी में मंगोलिया के छात्र प्राचीन नालन्दा विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए आते थे, उसी प्रकार भारत एवं बिहार सरकार द्वारा पुनस्र्थापित नालन्दा विश्वविद्यालय में मंगोलिया के छात्रों को अध्ययन हेतु भेजा जाए।
मंगोलिया सरकार के प्रतिनिधि बोधगया में मंगोलिया द्वारा स्थापित बुद्घ मंदिर को जोड़ने वाली सड़क के निर्माण का आग्रह करने पर उपमुख्यमंत्री ने मंगोलिया से टेलीफोन पर गया के जिलाधिकारी से बात कर सड़क यातायात को सुदृढ़ करने का आश्वासन दिया।
मोदी ने मंगोलिया के राष्ट्रपति की इस माह भारत यात्रा के दौरान बोधगया आने का भी आग्रह किया।
--आईएएनएस