अच्छी-खासी जॉब छोड़कर गांव को चुना, आज हैं सूबे की सबसे युवा प्रधान

अच्छी-खासी जॉब छोड़कर गांव को चुना, आज हैं सूबे की सबसे युवा प्रधान

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-10 02:47 GMT
अच्छी-खासी जॉब छोड़कर गांव को चुना, आज हैं सूबे की सबसे युवा प्रधान

डिजिटल डेस्क, हिमाचल प्रदेश। हम एक ऐसे समाज में रहते हैं जहां आज भी महिलाओं को पुरुषों से कम आंका जाता है। महिलाएं कितनी ही काबिल क्यों न हो, लेकिन उनकी काबिलियत पर सवाल उठाना हमें अच्छा सा लगता है। क्योंकि हमारा पुरुष प्रधान समाज कभी नहीं चाहता कि महिलाएं हमसे आगे हों। लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी महिलाएं कुछ ऐसा कर जाती हैं कि वो इस पुरुष प्रधान समाज को घुटने टेकने पर मजबूर कर देती हैं। ऐसी ही एक हैं जबना चौहान। जो हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के छोटे से गांव थरजूण की सबसे युवा सरपंच या प्रधान हैं। इन्होंने अपनी ग्राम पंचायत में ऐसे-ऐसे काम कर दिखाए हैं कि पीएम मोदी ने भी इन्हें सम्मानित किया है। आइए मिलते हैं जबना चौहान से...

न्यूज एंकर की जॉब छोड़कर बनीं गांव की सरपंच

अक्सर ऐसा होता है कि जब किसी की जॉब लग जाती है तो फिर वो अपनी इस जॉब को छोड़कर गांव वापस नहीं आना चाहता। लेकिन जबना इन लोगों से अलग थी। जबना अपनी पढ़ाई करने के बाद एक न्यूज चैनल में न्यूज एंकर बन गईं लेकिन उनका मन न्यूज रूम की बजाय गांव में ही लगा हुआ था। इसलिए उन्होंने न्यूज एंकर की जॉब छोड़कर गांव की प्रधान बनने का सोचा और सिर्फ 22 साल की उम्र में जबना ने प्रधान का चुनाव लड़ा और जीता भी। जबना जब गांव की प्रधान बनीं तो उन्होंने गांव में शराबबंदी का प्रस्ताव रखा। शुरुआत में तो उन्हें लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा लेकिन वो कहते हैं न कि अच्छाई के आगे बुराई हमेशा हार जाती है। जबना के साथ भी ऐसा हुआ और उन्होंने पूरे गांव में शराबबंदी का प्रस्ताव पास कराया और लागू करवाया। इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांव को स्वच्छ बना दिया जिस कारण इस छोटे से थरजूण गांव का नाम आज लोगों की जुबां पर बस गया है। आज लोग थरजूण को जबना के गांव के नाम से जानते हैं। 

पीएम मोदी और अक्षय कुमार कर चुके हैं सम्मानित

जबना को उनके बेमिसाल काम के लिए पीएम मोदी ने इंटरनेशन वुमेन्स डे पर उन्हें सम्मानित किया है। इसके साथ ही बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने भी जबना को टॉयलेट एक प्रेम कथा के प्रमोशन इवेंट के दौरान उन्हें सम्मानित किया है। इसके अलावा उनके काम की तारीफ प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी कर चुके हैं। जबना को "बेस्ट सरपंच" के नाम से भी सम्मानित किया जा चुका है। 

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