जम्मू-कश्मीर: पुलिस ने लश्कर का ओवर ग्राउंड वर्कर पकड़ा, आतंकियों को पहुंचाता था पैसे, ​हथियार और सिम

जम्मू-कश्मीर: पुलिस ने लश्कर का ओवर ग्राउंड वर्कर पकड़ा, आतंकियों को पहुंचाता था पैसे, ​हथियार और सिम

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-01 16:51 GMT
जम्मू-कश्मीर: पुलिस ने लश्कर का ओवर ग्राउंड वर्कर पकड़ा, आतंकियों को पहुंचाता था पैसे, ​हथियार और सिम
हाईलाइट
  • आतंकियों को एक जगह से दूसरी जगह सुरक्षित पहुंचाने में मदद करता था
  • जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गांदरबल इलाके से रईस लोन को गिरफ्तार किया
  • डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि घाटी में 250 से ज्यादा आतंकी सक्रिय

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बुधवार को गांदरबल इलाके से आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य रईस लोन को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक लोन क्षेत्र में लश्कर के लिए एक ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) की तरह काम कर रहा था। वर्ष 2020 में वादी में किसी आतंकी या उसके किसी सहयोगी के पकड़े जाने की यह पहली घटना है। मंगलवार को ही डीजीपी दिलबाग सिंह ने खुलासा किया था कि अभी भी घाटी में 250 से ज्यादा आतंकी सक्रिय हैं। 

एसएसपी गांदरबल खलील पोसवाल ने बताया कि पकड़ा गया ओवरग्राउंड वर्कर गुंड-गांदरबल का रहने वाला रईस अहमद लोन है। वह गांदरबल में सक्रिय लश्कर के आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकानों, पैसे और सिम कार्ड का बंदोबस्त करता था। वह आतंकियों के लिए मुखबिरी के अलावा उन्हें हथियारों के सा​थ एक जगह से दूसरी जगह सुरक्षित पहुंचाने का काम भी करता था। 

 

 

आतंकी नेटवर्क के बारे में कई अहम खुलासे किए
गत नवंबर में कुल्लन गांदरबल में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए पाकिस्तानी आतंकी से वह लगातार संपर्क में था। एसएसपी ने बताया कि रईम अहमद लोन के खिलाफ सभी आवश्यक सुबूत मिलने के बाद ही उसे गिरफ्तार किया गया है। उसने कंगन, गांदरबल और बांडीपोरा में सक्रिय आतंकी नेटवर्क के बारे में कई अहम खुलासे किए हैं।

2019 में सेना और पुलिस की कार्रवाई में 102 आतंकी पकड़े गए 
डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया था कि जम्मू-कश्मीर में 2019 में सेना और पुलिस की कार्रवाई में 160 आतंकी मारे गए हैं और वहीं 102 आतंकियों को पकड़ा है। उन्होंने बताया कि घाटी में आतंक का रास्ता अपनाने वाले युवाओं की संख्या घटी है। 2018 में जहां 218 स्थानीय युवाओं ने बंदूक थामी वहीं 2019 में यह संख्या घटकर 139 रह गई। इनमें से केवल 89 ही जिंदा हैं। बाकी मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों के ऑलआउट ऑपरेशन के चलते कुछ ही पुराने आतंकी बचे हैं।

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