73rd Birth Anniversary: फिल्मों में शौहरत पाने वाली जयललिता ऐसे बनीं तमिलनाडु की अम्मा, 6 बार रहीं मुख्यमंत्री

73rd Birth Anniversary: फिल्मों में शौहरत पाने वाली जयललिता ऐसे बनीं तमिलनाडु की अम्मा, 6 बार रहीं मुख्यमंत्री

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-24 07:39 GMT
73rd Birth Anniversary: फिल्मों में शौहरत पाने वाली जयललिता ऐसे बनीं तमिलनाडु की अम्मा, 6 बार रहीं मुख्यमंत्री
हाईलाइट
  • 15 साल की उम्र में रखा एक्टिंग की दुनिया में कदम
  • आय से ज्यादा संपत्ति को लेकर 48 केस किए गए थे दर्ज
  • साल 1982 से की सक्रिय राजनीति की शुरुआत

डिजिटल डेस्क,दिल्ली। जयललिता, एक ऐसा नाम जिसे किसी पहचान की जरुरत नहीं है। जयललिता का जन्म 24 फरवरी 1948 को मेलुकोट में हुआ था। उन्हें जितनी सफलता फिल्मों में मिली, उतनी ही शौहरत उन्होंने राजनीति में भी हासिल की। मात्र 15 साल की उम्र से जयललिता कन्नड़ फिल्मों में मुख्‍य अभिनेत्री की भूमिकाएं करने लगी थी। राजनीति करियर में जयललिता 6 बार मुंख्यमंत्री बनी और तमिलनाडु में अम्मा के नाम से मशहूर हुईं।

बता दें कि, जयललिता की कन्नड भाषा में पहली फिल्म "चिन्नाडा गोम्बे" है, जो 1964 में रिलीज की गई थी। एक्ट्रेसने तमिल फिल्मों में भी कई अभिनय किए। उन्होंने लगभग 300 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया है। जयललिता ने तमिल, कन्नड के अलावा हिन्दी, अंग्रजी और तेलुगु फिल्मों में भी काम किया है।

जयललिता का फिल्मी सफर
जयललिता बचपन में पढ़ाई में काफी तेज थी लेकिन उनकी मां का मानना था कि, जयललिता का भविष्य सिनेमा में ज्यादा सुरक्षित रहेगा इसलिए उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी। जयललिता की मां सही साबित हुई और दक्षिण के सिनेमा में जयललिता बेहद सफल रहीं। दक्षिण भारत की फिल्मों में पर्दे पर स्कर्ट पहनने वाली जयललिता पहली एक्ट्रेस थीं। अदाकारा ने अपने करियर में 300 फिल्मों में काम किया, इनमें से 140 में वो लीड रोल में रही और करीब 125 फिल्में हिट हुई। जयललिता को 2 फिल्मफेयर और 5 तमिलनाडु स्टेट अवॉर्ड मिले। 1965 में उन्होंने पहली बार दक्षिण के सुपरस्टार एमजी रामचंद्रन के साथ काम किया। एमजी रामचंद्रन को वो अपना गुरु मानती थी।

जयललिता का राजनीतिक सफर


एमजीआर साल 1977 में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने और जयललिता ने 1982 में 1982 में सक्रिय राजनीति की शुरुआत की। 1984 में एमजीआर ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया। एमजीआर के सहयोग से जयललिता ने राजनीति में भी जल्द ही कामयाबी हासिल कर ली थी।बता दें कि,साल 1999 में जयललिता और सोनिया गांधी की एक टी पार्टी हुई,जिसके बाद जयललिता ने अटल सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। समर्थन वापस लेने के कारण 13 महीने की एनडीए सरकार गिर गई थी।

आय से ज्यादा थी संपत्ति
आय से ज्यादा संपत्ति को लेकर जयललिता काफी विवादों में रही। 1996 में जयललिता पर आय से अधिक संपत्ति मामले में 48 केस दर्ज किए गए थे और उन्हें जेल जाना पड़ा। इस दौरान जब CBI ने उनके घर पर छापा मारा तो 10,500 महंगी साड़ियां और कई किलो सोना मिला था।साल 2016 में ही ढाई महीने तक अस्पताल में मौत से जूझने के बाद 5 दिसंबर को जयललिता ने आखिरी सांस ली।

 

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