झारखंड : भूख से बच्ची की मौत के बाद परिवार को गांव से निकाला, कहा-गांव की बदनामी की

झारखंड : भूख से बच्ची की मौत के बाद परिवार को गांव से निकाला, कहा-गांव की बदनामी की

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-22 10:32 GMT
झारखंड : भूख से बच्ची की मौत के बाद परिवार को गांव से निकाला, कहा-गांव की बदनामी की

डिजिटल डेस्क, रांची। केन्द्र सरकार देशवासियों के लिए उन्नति,वाई-फाई सुविधा,कैशलेस इकोनॉमी की बात करती है,लेकिन इस भुखमरी की बीमारी का क्या जो हर दिन ना जाने कितने लोगों को खत्म कर रही है। हाल ही में झारखंड के गांव कारीमाटी से एक मामले सामने आया था कि 11 साल की लडकी संतोषी ने भूख के कारण दम तोड़ दिया था। जिस घर की लक्ष्मी चली गई हो आज उसी घर के सदस्यों को डर के साए में जीना पड़ रहा है। दरअसल संतोषी की मां कोयली देवी और उनके परिवार को शुक्रवार की शाम गांव की प्रधान सुनीता डांग की अगुआई में करीब 50-60 महिलाओं ने घर में घुसकर डराया और धमकाया। साथ ही आरोप है कि उन्होंने घर में आकर तोड़फोड़ कर दी। साथ ही उसे गांव से ये कहकर निकाल दिया कि उसके कारण गांव की बदनामी हुई है। 

जिसके बाद शनिवार सुबह ही कोयली देवी सहित पूरे परिवार ने पड़ोस के गांव पतिअंबा में संतोष साहू के घर में पनाह ली। जैसे ही घटना की सूचना प्रशासनिक स्तर तक पहुंची पूरे महकमे में हड़कंप मच गया। उपायुक्त ने फौरन जलडेगा बीडीओ और थाना प्रभारी को कोयली देवी के परिवार को वापस उसके घर लाने का निर्देश दिया। पुलिस और प्रशासन की टीम पतिअंबा गांव पहुंची और पूरी सुरक्षा के साथ कोयली देवी और उसके परिवार को वापस कुछ घंटे बाद कारीमाटी उनके घर पहुंचाया गया। 

गांववालों का कहना है कि कोयली के आरोप गलत हैं
गांववालों का कहना है कि कोयली देवी भूख से बच्ची की मौत का आरोप लगाकर गांव को बदनाम कर रही है। बीडीओ ने भी दावा किया था कि संतोषी की मौत बीमारी से हुई थी। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस मामलें में मंगलवार को 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी थी। साथ ही संतोषी के परिवार को 50 हजार रुपए की मदद देने का भी आदेश दिया गया था।

28 लोगों पर केस दर्ज
पुलिस अफसर सामुएल लिंडा ने कहा कि कोयली के परिवार को धमकाने के मामले में उसकी बड़ी बेटी की शिकायत पर गांव के ही जय सिंह, भीम सिंह की पत्नी संजू देवी और प्यारे बागे की पत्नी के खिलाफ धारा 147,149, 448 और 506 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। इसके अलावा 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।

गौरतलब है कि 11 साल की संतोषी कुमारी को कई दिनों से खाना नसीब नहीं हुआ था, जिस कारण उसकी मौत हो गई। दरअसल स्थानीय राशन डीलर ने महीनों पहले उसके परिवार का राशन कार्ड रद्द करते हुए अनाज देने से इनकार कर दिया था। राशन डीलर की दलील थी कि राशन कार्ड आधार नंबर से लिंक नहीं है, इसलिए अनाज नहीं मिल सकता। इस घटना को लेकर झारखंड सरकार की खूब किरकिरी हुई। अब राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए राशन के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म कर दी है।

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