जिंदल यूनिवर्सिटी ने किया आईओई के रूप में मान्यता का स्वागत

जिंदल यूनिवर्सिटी ने किया आईओई के रूप में मान्यता का स्वागत

IANS News
Update: 2019-08-02 18:00 GMT
जिंदल यूनिवर्सिटी ने किया आईओई के रूप में मान्यता का स्वागत
हाईलाइट
  • जेजीयू ने इसे ऐतिहासिक मान्यता करार दिया है
  • विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा विशिष्ट संस्थान (आईओई) का दर्जा प्रदान करने के लिए जिन निजी संस्थानों के नामों की सिफारिश किया गया
  • उनमें ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) को शामिल किए जाने पर जेजीयू ने इस फैसले का स्वागत किया है
सोनीपत (हरियाणा), 2 अगस्त (आईएएनएस)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा विशिष्ट संस्थान (आईओई) का दर्जा प्रदान करने के लिए जिन निजी संस्थानों के नामों की सिफारिश किया गया, उनमें ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) को शामिल किए जाने पर जेजीयू ने इस फैसले का स्वागत किया है।

जेजीयू ने इसे ऐतिहासिक मान्यता करार दिया है।

हरियाणा स्थित इस विश्वविद्यालय में आठ इंटर-डिसिप्लीनरी स्कूल हैं। विश्वविद्यालय की ओर से अपने आवेदन में 15-वर्षीय महत्वाकांक्षी योजना का विवरण सौंपा गया था, जिनमें अकादमिक विषय, फैकल्टी की भर्ती, दाखिला, अनुसंधान और सहयोग समेत कार्यान्वयन की योजनाओं का विस्तृत ब्योरा शामिल था।

जेजीयू के संस्थापक कुलाधिपति और संरक्षक नवीन जिंदल ने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना उनके पिता ओ. पी. जिंदल की स्मृति में किया गया है, जो शिक्षा, उद्यमिता, परोपकार और राष्ट्रनिर्माण में विश्वास करते थे।

नवीन जिंदल ने अपने पिता के संबंध में कहा कि उनकी सोच थी कि ऐसे विशिष्ट नेता पैदा किए जाएं जो अपने समुदाय के बीच सही मायने में बदलाव लाए।

उन्होंने विश्वविद्यालय परिवार को इसकी स्थापना के महज 10 साल से कम समय में इस प्रकार की मान्यता के लिए बधाई दी और संस्थान को संसाधन, अकादमिक स्वतंत्रता और स्वायत्ता प्रदान करने और इसे आगे समृद्ध बनाने के लिए समुचित वातावरण प्रदान करने के लिए सभी प्रकार की कोशिशें करने का आश्वासन दिया।

विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर सी. राजकुमार ने विश्वविद्यालय की इस प्रगति को अविश्वसनीय व ऐतिहासिक मान्यता करार दिया।

उन्होंने कहा, मुझे आशा है कि आईओई और उच्च शिक्षा में दूरदर्शी नीतिगत सुधारों से सभी विनियामक एजेसियों के कार्य व्याप्त हो जाएंगे और इससे उच्च शैक्षणिक संस्थानाओं को अपने मूल कार्यो पर फोकस करने के लिए समुचित वातावरण मिलेगा।

--आईएएनएस

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