जीतन राम मांझी ने छोड़ा NDA का साथ, अब महागठबंधन का हाथ थामा

जीतन राम मांझी ने छोड़ा NDA का साथ, अब महागठबंधन का हाथ थामा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-28 06:52 GMT
जीतन राम मांझी ने छोड़ा NDA का साथ, अब महागठबंधन का हाथ थामा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कई दिनों से NDA से नाराज चल रहे हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के चीफ और बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी बुधवार को RJD के महागठबंधन में शामिल हो गए। बुधवार सुबह ही लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप यादव ने जीतन राम मांझी के साथ उनके घर पर मीटिंग की थी। इसी मीटिंग में मांझी ने NDA का साथ छोड़कर महागठबंधन में शामिल होने का फैसला लिया। बता दें कि इस फैसले को लेकर बुधवार शाम को जीतन राम मांझी और तेजस्वी यादव एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे।

 



मेरे पिता के बराबर हैं मांझी : तेजस्वी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जीतन राम मांझी से मीटिंग के बाद बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि "मांझी मेरे पिता के बराबर हैं। उनका महागठबंधन में स्वागत है। उन्होंने गरीबों और दलितों के लिए काम किया है।" उन्होंने कहा कि "NDA में मांझी के साथ सही तरीके से व्यवहार नहीं किया जा रहा था। दलितों की आवाज दबाई जा रही थी। मांझी का लालू जी और मेरी मां से पुराना नाता है।" तेजस्वी ने कहा कि "बिहार में गरीबों और दलितों पर अत्याचार बढ़ते ही जा रहे थे। मांझी ने सरकार जो पॉलिसी बताई थी, उस पर काम नहीं हो रहा था।"

अब ED,CBI और एक्टिव होंगी : तेजस्वी

इसके आगे तेजस्वी ने कहा कि "कुछ लोग दावा करते थे कि NDA में टूट नहीं पड़ेगी। RJD बिखर जाएगी। आज उन्हें इसका जवाब मिला है। JDU में भी लगाचार टूट हो रही है। हाल ही में JDU के विधायक सरफराज पार्टी RJD में शामिल हुए हैं।"  इसके साथ ही तेजस्वी ने एक ट्वीट भी किया। इसमें उन्होंने कहा कि "आज जीतन राम मांझी के साथ जरूरी मीटिंग हुई, जिसमें मांझी ने NDA छोड़कर महागठबंधन में आने का फैसला लिया है। वेट एंड वॉच...अभी तो और भी NDA और MLA शामिल होने हैं।" तेजस्वी ने आगे लिखा कि "अब IT, ED और CBI पहले से भी ज्यादा एक्टिव हो जाएंगी।" 

 



क्यों नाराज थे जीतन राम मांझी? 

जीतन राम मांझी कुछ दिनों से टिकट न मिलने के कारण NDA से नाराज बताए जा रहे थे। दरअसल, बिहार की जहानाबाद विधानसभा सीट पर 11 मार्च को वोटिंग होनी है, लेकिन अभी तक NDA की तरफ से कोई कैंडिडेट तय नहीं किया गया है। मांझी को उम्मीद थी कि इस सीट से NDA उनकी पार्टी के कैंडिडेट को टिकट देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस वजह से मांझी नाराज हो गए और उन्होंने ये तक कह दिया कि वो NDA के कारण इस सीट से अपनी उम्मीदवारी छोड़ते हैं। बता दें कि जहानाबाद सीट से 2015 के विधानसभा चुनावों में RJD के मुंद्रिका यादव विधायक बने थे, जिनकी पिछले साल अक्टूबर में मौत हो गई थी।

 



नीतीश के हटने के बाद सीएम बने थे मांझी

दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनावों में JDU की हार के बाद नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद जीतन राम मांझी को सीएम बनाया गया था। हालांकि, मांझी के सीएम बनने के बाद मांझी और नीतीश के बीच दूरियां बढ़ती गईं। क्योंकि मांझी लगातार अपने बयानों के वजह से विवादों में घिरे रहते थे। जिसके बाद करीब 1 साल तक मुख्यमंत्री रहने के बाद मांझी को JDU से निकाल दिया गया और नीतीश फिर सीएम बने। मई 2015 में मांझी ने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) नाम से पार्टी बनाई और विधानसभा चुनावों में NDA के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। विधानसभा चुनावों में NDA ने HAM को 20 सीटें दी, लेकिन उसे सिर्फ एक ही सीट पर जीत मिली। मांझी ने खुद दो सीटों से चुनाव लड़ा था और वो HAM के इकलौते विधायक हैं। 

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