भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश होंगे न्यायमूर्ति एनवी रमणा, 24 अप्रैल को लेंगे शपथ

भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश होंगे न्यायमूर्ति एनवी रमणा, 24 अप्रैल को लेंगे शपथ

Bhaskar Hindi
Update: 2021-04-06 07:14 GMT
भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश होंगे न्यायमूर्ति एनवी रमणा, 24 अप्रैल को लेंगे शपथ
हाईलाइट
  • 24 अप्रैल को जस्टिस एनवी रमणा देश के 48वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेंगे
  • भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश होंगे न्यायमूर्ति एनवी रमणा
  • राष्ट्रपति की मंजूरी का लेटर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा दिया गया है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जस्टिस एनवी रमणा भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नए मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की मंजूरी का लेटर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा दिया गया है। मौजूदा चीफ जस्टिस एसए बोबड़े 23 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं।24 अप्रैल को जस्टिस एनवी रमणा देश के 48वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेंगे।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति भवन में जस्टिस रमणा को मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाएंगे।

दो साल से भी कम वक्त तक CJI रहेंगे जस्टिस रमणा
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस रमणा का कार्यकाल 26 अगस्त, 2022 तक है।यानी वो दो साल से भी कम समय के लिए CJI के पद पर रहेंगे।वरिष्ठता के मामले में फिलहाल वो सुप्रीम कोर्ट में दूसरे स्थान पर हैं।जस्टिस एनवी रमणा सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई के बाद सबसे सीनियर जज हैं।वो आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के पहले ऐसे जज होंगे जो सीजेआई बनेंगे।24 अप्रैल को शपथ ग्रहण कर जस्टिस रमणा 26 अगस्त 2022 तक देश के मुख्य न्यायाधीश रहेंगे।

कौन हैं जस्टिस बोबड़े
जस्टिस अरविंद शरद बोबडे (एस. ए. बोबडे) का जन्म 24 अप्रैल, 1956 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था। नागपुर विश्वविद्यालय से बी.ए. और एल.एल.बी डिग्री ली है। 1978 में जस्टिस बोबडे ने बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र को ज्वाइन किया था। इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में लॉ की प्रैक्टिस की, 1998 में वरिष्ठ वकील बने। 2000 में जस्टिस बोबडे ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बतौर एडिशनल जज पदभार ग्रहण किया. इसके बाद वह मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने। 2013 में सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज कमान संभाली। जस्टिस एस. ए. बोबड़े 23 अप्रैल, 2021 को रिटायर होंगे। 18 नवंबर को जस्टिस बोबडे बतौर चीफ जस्टिस शपथ लेंगे, मौजूदा CJI रंजन गोगोई ने उनके नाम की सिफारिश की थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके नाम की मंजूरी दे दी है। जस्टिस बोबडे आधार कार्ड, दिल्ली-NCR में पटाखों पर बैन समेत अन्य ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं।

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