कर्नाटक सरकार बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए अगले 3 वर्षों में चलाएगी 1500 ई-बसें

इलेक्ट्रिक बसें कर्नाटक सरकार बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए अगले 3 वर्षों में चलाएगी 1500 ई-बसें

IANS News
Update: 2021-10-01 07:30 GMT
कर्नाटक सरकार बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए अगले 3 वर्षों में चलाएगी 1500 ई-बसें

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार अगले तीन वर्षों में राज्य की राजधानी में चलने के लिए 1,500 इलेक्ट्रिक बसों (ई-बसों) का अधिग्रहण करने के लिए तैयार है। परिवहन विभाग इस साल 390 इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े को शामिल कर रहा है। सरकार ने रद्द की गई बसों को ई-बसों से बदलने का फैसला किया है। राज्य में हर साल करीब 400 बसें रद्द की जाती हैं। केंद्र सरकार के दबाव के साथ, बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) ने बढ़ते प्रदूषण के स्तर और ईंधन की आसमान छूती कीमतों को देखते हुए ई-बसों का अधिग्रहण करने का फैसला किया है।

परिवहन मंत्री बी. श्रीरामुलु ने बताया कि बड़ी योजना और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अधिग्रहित एक मिनी इलेक्ट्रिकल बस को प्रयोग के आधार पर बेंगलुरु में चलाया जाएगा। नवंबर तक चरणबद्ध तरीके से बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन कॉरपोरेशनमें 90 बसें जोड़ी जाएंगी। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सेवाओं का उद्घाटन करेंगे। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 50 करोड़ रुपये की लागत से इन 90 बसों का अधिग्रहण किया जाएगा। नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) 10 साल तक इन बसों के रखरखाव का जिम्मा संभालेगा। बीएमटीसी 51.62 रुपये प्रति किलोमीटर का भुगतान करेगी। चालक, रखरखाव और चाजिर्ंग का खर्च एनटीपीसी द्वारा वहन किया जाएगा। परिवहन विभाग ने बेंगलुरु में मेट्रो फीडर सेवा के रूप में प्रति दिन न्यूनतम 180 किलोमीटर के लिए इलेक्ट्रिक बसों को चलाने के लिए एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं।

120 किलोमीटर चलने के बाद बसों को चार्ज करना होता है और एक बस को चार्ज होने में 45 मिनट का समय लगता है। वर्तमान में, इलेक्ट्रिक बस को बेंगलुरु के मेट्रो स्टेशनों पर विभिन्न स्थानों पर सेवा में लगाया जाएगा। श्रीरामुलु ने बताया कि प्रदेश में पहली बार इलेक्ट्रिक बस प्रयोग हो रहा है। प्रदूषण से बचने के लिए ये वाहन जरूरी हैं। नवंबर माह में 90 मिनी इलेक्ट्रिक बसें (9 मीटर लंबी) चलाई जाएंगी। ये बसें शहर की संकरी सड़कों पर चल सकती हैं। बीएमटीसी बोर्ड 300 इलेक्ट्रिक बसों (12 मीटर लंबी) की खरीद पर भी विचार कर रहा है। श्रीरामुलु ने कहा कि इस संबंध में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।

परिवहन विभाग के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार कटारिया ने कहा कि ई-बस टिकट की कीमतें सामान्य बसों से कम होंगी। वहीं इन बसों से मुख्य रूप से ध्वनि प्रदूषण और धुएं का उत्सर्जन नहीं होगा। बीएमटीसी पहले चरण में 90 ई-बसों और दूसरे चरण में 300 बसों का अधिग्रहण करेगी बीएमटीसी के प्रबंध निदेशक अंबुकुमार ने बताया कि एक डीजल बस की कीमत 30 लाख रुपये और ई-बस की कीमत 90 लाख रुपये होगी। स्मार्ट सिटी परियोजना निधि का उपयोग किया गया है। चूंकि बीएमटीसी के पास अनुभव नहीं है, इसलिए कंपनी को इन बसों के रखरखाव की देखभाल करने के लिए कहा गया है। हर साल 400 से अधिक बसों को रद्द किया जा रहा है और उन्हें ई-बसों से बदल दिया जाएगा।

(आईएएनएस)

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