केरल: मलप्पुरम में महिला इमाम जमीता को मिल रहीं धमकियां

केरल: मलप्पुरम में महिला इमाम जमीता को मिल रहीं धमकियां

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-28 05:32 GMT
केरल: मलप्पुरम में महिला इमाम जमीता को मिल रहीं धमकियां

डिजिटल डेस्क, मलप्पुरम। केरल के मलप्पुरम में एक 34 वर्षीय महिला ने जुम्मे की नमाज की अगुवाई की है। इस बात को देश के इतिहास में इस तरह की पहली घटना बताया जा रहा है। लैंगिक रुढ़ीवाद की दीवार को ढहाते हुए महिला ने जुम्मे की नमाज अता की है। कुरान सुन्नत सोसायटी की महासचिव जमीता ने इस मुस्लिम बहुल जिले में सोसायटी के कार्यालय में नमाज के दौरान इमाम की भूमिका निभाई। बता दें कि हर शुक्रवार को होने वाली जुम्मे की नमाज की अगुवाई सामान्यत: पुरुष करते हैं। 


80 लोगों ने नमाज में लिया हिस्सा 

 

सोसायटी के सूत्रों ने बताया कि महिलाओं समेत करीब 80 लोगों ने इस नमाज में हिस्सा लिया। जमीता ने कहा कि पवित्र कुरान मर्द और औरत में कोई भेदभाव नहीं करता है तथा इस्लाम में महिलाओं के इमाम बनने पर कोई रोक नहीं है। उन्होंने कहा, "पहली बार हमारे देश के इतिहास में कोई महिला जुम्मे की नमाज की अगुवाई कर रही है। यह हमारी सोसायटी के केंद्रीय समिति कार्यालय में हुई जहां हम नमाज के लिए हर शुक्रवार को इकट्ठा होते हैं।" 

 

 

 

रूढ़िवादी मुस्लिम वर्ग नाराज

 

हालांकि इस कदम से सोशल मीडिया पर एक बड़ी बहस छिड़ गयी है तथा इसके पक्ष एवं विपक्ष में लोग अपनी राय रख रहे हैं। जमीता एक टीचर हैं, उनका कहना है कि वो पुरुषों की बनाई रुढ़ियों को तोड़ना चाहती हैं। इस्लाम में कहीं नहीं लिखा है कि केवल पुरुष ही जुमें की नमाज़ अदा करवा सकते हैं। कुरान में किसी भी धार्मिक कृत्य या विश्वास को लेकर कोई लैंगिक भेदभाव नहीं है। जमीदा के इस कदम ने कई रूढ़िवादी मुस्लिम वर्गों को नाराज़ कर दिया।

 

 

 

इस्लाम विरोधी लोगों का षड्यंत्र 

 

इन मुस्लिम वर्गों का आरोप है कि ये कुछ इस्लाम विरोधी लोगों का षड्यंत्र है। मुसलमान औरत नमाज़ अदा करवा सकती है, लेकिन केवल महिलाओं को न कि पुरुषों को "सुन्नी युवाजन संघम" के राज्य महासचिव अब्दुल हमीद फैज़ी अम्बलक्कड्डावु ने कहा कि इस्लाम इस तरह से महिला और पुरुष के मिलने-जुलने पर रोक लगाता है, ताकि कुछ गलत न हो। जमीता कहती है कि शुक्रवार की नमाज़ के बाद उन्हें काफी धमकियां मिल रही हैं।


जमीता ने कहा कि मैंने निर्णय लिया है कि मैं पीछे नहीं हटूंगी और कोशिश करूंगी कि केरल के दूसरे हिस्सों में भी इस तरह से नमाज़ अता करवाई जाए। जमीता तीन तलाक और जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के खिलाफ बोलती रही हैं।

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