मप्र-उप्र की सीमा पर मजदूरों पर लाठीचार्ज

मप्र-उप्र की सीमा पर मजदूरों पर लाठीचार्ज

IANS News
Update: 2020-05-17 16:30 GMT
मप्र-उप्र की सीमा पर मजदूरों पर लाठीचार्ज

रीवा/भोपाल, 17 मई (आईएएनएस)। विभिन्न राज्यों से लौट रहे मजदूरों को मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली रीवा-प्रयागराज मार्ग पर चाकघाट बैरियर पर रोके जाने के कारण हंगामा हो गया। शनिवार की रात मजदूरों पर लाठियां बरसाई गईं, वहीं रविवार को भी मजदूरों ने हंगामा किया और बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ गए।

जानकारी के अनुसार, दूसरे राज्यों के मजदूरों को मध्य प्रदेश की सीमा में बसों से भेजने का सरकार की ओर से दावा किया गया है, मगर बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश को जाने वाले मजदूर पैदल चाकघाट बैरियर पर पहुंच गए, मगर उन्हें उत्तर प्रदेश की सीमा से पहले ही रोक दिया गया।

शनिवार की रात को 11 बजे तक उन्हें जब खाना नहीं मिला तो मजदूरों ने हंगामा कर दिया। इस पर वहां तैनात पुलिस जवानों ने मजदूरों पर लाठियां बरसा दीं। मजदूर रातभर बैरियर पर जमे रहे। रविवार को इन मजदूरों ने बैरिकेड्स तोड़ दिया और आगे बढ़ गए।

रीवा संभाग के आयुक्त डॉ़ अशोक कुमार भार्गव एवं रीवा जोन के पुलिस महानिरीक्षक चंचल शेखर ने चाकघाट में उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के साथ रविवार को बैठक कर अन्य राज्यों से विभिन्न साधनों से चाकघाट पहुंचे उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों की समस्याओं का समाधान किया। चाकघाट में कई मजदूर स्वयं के साधनों तथा भारवाहनों से उत्तर प्रदेश जाने के लिए पहुंचे हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश में प्रवेश की अनुमति न मिलने से कठिनाई हो रही थी।

आधिकारिक तौर पर बताया गया है कि कमिश्नर डॉ़ भार्गव ने आईजी के साथ चाकघाट पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने दूरभाष पर प्रयागराज के कमिश्नर तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से प्रवासी मजदूरों की समस्याओं के संबंध में चर्चा की। इसके बाद चाकघाट में उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश के अधिकारियों की संयुक्त बैठक आयोजित की गई। इन मजदूरों को सुविधाजनक तरीके से भेजने के प्रयास जारी हैं।

इस घटना की भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने निंदा करते हुए कहा है कि भूख-प्यासे मजदूरों पर लाठियां बरसाई गईं। इस घटना के लिए जिम्मेदारी बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

वहीं प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि महासंकट की इस घड़ी में मध्यप्रदेश की जनता कर्मवीर योद्धा की तरह अपनी जान की परवाह किए बिना प्रवासी मजदूरों का जीवन बचाने में जुटी रही। दूसरी तरफ , सरकार ने प्रदेश का नाम कलंकित किया।

उन्होंने कहा, सरकार को न भूखे-प्यासे पैरों में छाले लिए मजदूर दिखे न ही उनके बच्चों के कष्ट दिखे, उल्टे उन पर भी लाठियां चलाई गईं, जैसे ये अपराधी हों। प्रदेश की जनता अपनी आंखों से अपनी सरकार की निष्ठुर छवि को देख रही है, जिसे अब जनता कभी माफ नहीं करेगी।

जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार को पुलिस के अनुचित बल प्रयोग के लिए मध्य प्रदेश की जनता से क्षमा मांगनी चाहिए।

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